अयोध्या। रामनगरी के रायगंज स्थित संत शिरोमणि रवि दास मंदिर मे संत रविदास जी की 649 वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। महंत बनवारी पति ने कहा संत शिरोमणि ने जिस प्रकार से अपना जीवन समाज से जात-पात और छुआछूत जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने के लिए समर्पित कर दिया, वो आज भी हम सबके लिए प्रेरणादायी है। वे महान समाज सुधारक थे और शांति, प्रेम तथा भाईचारे के सन्देश वाहक थे। उन्होंने जाति और धर्म आधारित भेदभाव को दूर करने के लिए अथक प्रयास किये। गुरु रविदास का जीवन त्याग और तपस्या का अनुपम उदाहरण है. वे मानवता की सेवा को ही ईश्वर की सेवा मानते थे। हम सभी को उनकी शिक्षाओं का पालन करना चाहिए।
इस मौके पर सहायक अध्यापक रोहित चंद्र ने कहा कि संत शिरोमणि ने 648 वर्ष पहले अपने जीवन चरित्र के माध्यम से समूचे समाज, भारत और मानवता के लिए एक संदेश दिया कि मन चंगा तो कठौती में गंगा। कहा कि सच्चे अर्थों में कठौती में गंगा का अर्थ यही है कि आपको भगवान को देखने कहीं नहीं जाना है अगर आपका मन पवित्र है कि आपमें ही ईश्वर का वास हो जाता है। उन्होंने कहा कि मै रविदास छात्रावास का पूर्व में छात्र रह चुका हूं। यहां से सैकड़ो शिक्षक अन्य विभागों में चयनित हुए हैं।