◆ अतिक्रमण व पटरी दुकानदारों के कब्जे को नजरंदाज करने का कारण तो हुजूर ही जानें
◆ दिन में सकरी सड़कें रात में लगती हैं चौड़ी
अयोध्या। शहर की हृदय स्थली चौक में शाम की तस्वीर। वाहनों की लम्बी कतारें। दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण, उस पर सोने पे सुगाहा पटरी दुकानदार यह सब मिल कर चौक की खुबसूरती में जाम का दाग लगाते है। तस्वीर रविवार की है। परन्तु कुल मिला कर ऐसी रोजाना रहती है। यह देख कर भी जिम्मेदार मौन है। अतिक्रमण व पटरी दुकानदारों का कब्जे को नजरंदाज करने का क्या कारण है। यह तो हुजूर ही जानें।
लेकिन रात में इसी सड़क पर निकल जाइये यकीन मानिए यह सड़क आपको चौड़ी लगेगी। पर जब दिन में इसी सड़क पर निकलिए तो लगेगा कि कुछ दूरी तय करने के लिए काफी समय लग रहा है।
सुबह 10 बजते ही दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण तथा पटरी दुकानदारों के लगते ही धीरे-धीरे सड़क सकरी होने लगती है। सड़कों पर खड़े दोपहिया वाहन समस्या को और बढ़ा देते हैं। राहगीरों के लिए सड़कों का बहुत कम हिस्सा ही बचता है। जिस पर किसी तरह से वाहन खिसकते रहते है। कभी कभार तो हालत ऐसी हो जाती है कि पैदल चलने के लिए भी आपको इंतजार करना पड़ता है।
दुकानदारों द्वारा सड़क पर अपनी दुकानों के समान सजाए जाते हैं। कहीं कहीं तो दुकान से पांच-छः फीट आगे तक दुकान सजाई जाती है। बजाजा में खाने के
लगने वालें ठेलों ने तो बाकायदा सड़क पर बैठने के लिए बेंच तथा कुर्सी का इंतजाम कर रेस्टोरेंट बना लिया है। फतेहगंज एकदरा की तरफ तो कपड़ों के शोरूम ही सड़क पर बना दिए गए हैं। यहां तो पैदल चलना ही दूभर है।
प्रशासन द्वारा कभी-कभार अतिक्रमण अभियान तो चलाया जाता है लेकिन वह केवल खनापूर्ति मात्र बन कर रह जाता है। चौक में आला-अधिकारियों का भी आना जाना रहता है। लेकिन समस्या पर कोई ध्यान नही दिया जाता है। साहब हैं हूटर बजते ही लोग किनारे होने लगते है।