अंबेडकरनगर। जलालपुर तहसील क्षेत्र के मछ्लीगांव में शुक्रवार की रात समाजसेवी शीबू रिजवी के पिता दिवंगत सैयद शहंशाह हुसैन एवं उनकी माता के इसाले सवाब की मजलिस संपन्न हुई। आगाज तिलावते कलाम पाक से हुआ।
मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना सैयद महमूद आबिद रिजवी फतेहपुर ने कहा कि अहलेबैत वे हैं जिनके घर फरिश्ते आते हैं। रसूल अल्लाह और उनके घराने वालों से सहानुभूति रखना प्रत्येक अनुयायी का कर्तव्य है। अल्लाह ने रसूल व आले रसूल को इंसानों की भलाई के लिए दुनिया में भेजा। मौलाना ने आगे कहा कि कुरान और अहलेबैत के बिना ईमान मुकम्मल नहीं हो सकता है। दोनों को ही मजबूती से थामे रहना है। उससे पूर्व नैय्यर हुसैन खान लोरपुरी व हमनवा ने सोज प्रस्तुत किया। मौलाना आबिद ने यह भी कहा कि आज इस्लाम धर्म के विरुद्ध लोगों को गुमराह किया जा रहा है। जबकि वास्तविकता यह है कि किसी धर्म के मानने वाले कुछ व्यक्ति बुरे हो सकते हैं लेकिन मजहब कोई भी हो बुरा नहीं हो सकता। अंत में मौलाना ने कर्बला के शहीदों का भी जिक्र किया। शायर व नौहाखान मुदस्सिर जौनपुरी ने पुरदर्द अंदाज में नौहा पढ़ा। मौलाना आसिफ रजा रिजवी, एहसान रजा रिजवी एडवोकेट आदि ने अतिथियों का स्वागत किया।