अयोध्या। रामनवमी के पावन अवसर पर अयोध्या में होने वाला मेला न केवल आस्था का केंद्र होता है, बल्कि इस बार यह परिवहन विभाग के लिए भी लाभकारी सिद्ध हुआ। महज तीन दिनों के भीतर परिवहन विभाग ने 42,552 सवारियों को उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाकर न सिर्फ उनकी यात्रा को सुगम बनाया, बल्कि विभाग के राजस्व में भी इजाफा किया। मेले के दौरान गोरखपुर, लखनऊ, अम्बेडकरनगर और सुल्तानपुर रोड पर रोडवेज की बसें जमकर दौड़ीं। बसों के चक्के की रफ्तार के साथ-साथ विभाग का राजस्व भी उसी गति से बढ़ता गया।
अयोध्या का रामनवमी मेला देश के सबसे बड़े मेलों में शुमार है। इस मेले में लाखों श्रद्धालु भगवान श्रीराम के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इस बार मेले की भीड़ को देखते हुए परिवहन विभाग को पब्लिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ करने के निर्देश दिए थे।
कई रूट्स पर चलानी पड़ी अतिरिक्त बसें
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, मेले के दौरान बसों की मांग इतनी अधिक थी कि कई रूट्स पर अतिरिक्त बसें चलानी पड़ीं। गोरखपुर रूट पर जहां सबसे अधिक भीड़ देखी गई, वहीं लखनऊ और सुल्तानपुर रूट्स पर भी यात्रियों की संख्या में जबरदस्त उछाल रहा। विभाग ने न केवल साधारण बसें, बल्कि एसी बसों की व्यवस्था भी की थी, जिससे गर्मी के मौसम में यात्रियों को राहत मिली।
आगे के लिए योजनाओं पर काम शुरू
अयोध्या परिवहन निगम के एआरएम आदित्य प्रकाश ने बताया कि मेले के दौरान बसों की आवाजाही को सुनिश्चित करने के लिए चालक-परिचालकों की ड्यूटी को रोटेशन में लगाया गया था। इसके अलावा, बसों की तकनीकी जांच और साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया गया। यात्रियों की सुविधा के लिए अयोध्या बस स्टेशन पर हेल्प डेस्क भी स्थापित की गई थी, जहां से लोग अपने गंतव्य के लिए बसों की जानकारी ले सकते थे।इस मेले ने न केवल परिवहन विभाग को आर्थिक लाभ पहुंचाया, बल्कि यह भी साबित किया कि उचित योजना और प्रबंधन से बड़े आयोजनों में भी यात्रियों को सुरक्षित और सुगम यात्रा का अनुभव कराया जा सकता है। मेले के समापन के बाद भी परिवहन विभाग ने आगे के कार्यक्रमों के लिए व्यवस्थाओं की योजना बनानी शुरू कर दी है।
कब-कितनी सवारियां मिलीं
5 अप्रैल-12 हजार 655
6 अप्रैल-13 हजार 52
7 अप्रैल-16 हजार 845