अयोध्या। जनवादी लेखक संघ की एक बैठक का आयोजन संगठन के सचिव डा. विशाल श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सरयू विहार कालोनी स्थित जलेस कार्यालय में किया गया। इस आयोजन में जनवादी लेखक संघ द्वारा आयोजित की गयी अरवत चौपाल के सम्बन्ध में समीक्षा की गयी। साथ ही, जनवादी लेखक संघ, उ.प्र. द्वारा आयोजित ‘जनपद की कविता-फैजाबाद’ कार्यक्रम में संगठन के सदस्यों की प्रतिभागिता के सम्बन्ध में भी विचार-विमर्श किया गया। आगामी माह में जनवादी लेखक संघ की राज्य परिषद् की बैठक में सचिव के प्रतिभाग एवं सदस्यता व नवीनीकरण अभियान में तेज़ी लाने के सम्बन्ध में भी योजनाबद्ध ढंग से कार्य करने पर विचार किया गया। कई सदस्यों का प्रपत्र पूरित कराते हुए उनकी सदस्यता का नवीनीकरण किया गया। इसी सिलसिले में यह भी सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आगामी 09 अप्रैल को स्थानीय जनमोर्चा सभागार में ‘छन्द की कविता और कविता का छन्द’ शीर्षक से एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाए। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में लखनऊ के वरिष्ठ कवि-आलोचक राजेन्द्र वर्मा को आमंत्रित किए जाने पर सहमति बनी। यह भी तय किया गया कि इस अवसर पर छंद की कविता के शास्त्र पर एक सम्यक व्याख्यान आयोजित किया जाए जिससे नये लिखने वालों को हिन्दी छन्द और उर्दू ग़जल के शिल्प आदि के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त हो सके। कार्यक्रम में छन्द में लिखने वाले हिन्दी-उर्दू के कवियों द्वारा एक ही मंच पर कविताओं की प्रस्तुति के बारे में सहमति बनी। कार्यक्रम की अध्यक्षता के लिए वरिष्ठ आलोचक आर. डी. आनन्द का नाम तय किया गया एवं संचालन की जिम्मेदारी युवा शायर मुजम्मिल फिदा को दी गयी। कार्यक्रम के संयोजन का उत्तरदायित्व सत्यभान सिंह जनवादी को प्रदान करते हुए प्रचार-प्रसार का दायित्व उनपर निर्धारित किया गया। इस अवसर पर मौजूद संगठन के सदस्यों ने अपनी नयी रचनाओं का पाठ भी किया। गोष्ठी में अखिलेश सिंह, जयप्रकाश श्रीवास्तव, पूजा श्रीवास्तव, शेर बहादुर शेर एवं महावीर सहित संगठन के सदस्य उपस्थित थे।