Saturday, November 23, 2024
HomeAyodhya/Ambedkar Nagarअयोध्याछन्द की कविता और कविता का छन्द शीर्षक से व्याख्यान व काव्यपाठ...

छन्द की कविता और कविता का छन्द शीर्षक से व्याख्यान व काव्यपाठ आयोजित

Ayodhya Samachar

अयोध्या। जनवादी लेखक संघ द्वारा छन्द की कविता और कविता का छन्द शीर्षक से एक व्याख्यान एवं काव्यपाठ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लखनऊ से पधारे वरिष्ठ कवि एवं आलोचक राजेंद्र वर्मा ने छंद की बारीकियों को रेखांकित करते हुए कहा कि दुनिया की कोई कविता ऐसी नहीं है जो लय या छंद से विहीन हो। हिंदी और उर्दू कविता के छंदशास्त्र की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि इन दोनों भाषाओं में मूलतः कोई अंतर नहीं है। उन्होंने उर्दू ग़ज़ल की विभिन्न बहरों की उदाहरण सहित विवेचना प्रस्तुत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कवि-चिंतक आर डी आनंद ने भी कहा कि वेदना और करुणा की एक आंतरिक लय होती है जो हर कविता में लक्षित होती है। इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत संगठन के सचिव डॉ. विशाल श्रीवास्तव एवं कार्यक्रम के संयोजक सत्यभान सिंह जनवादी सहित युवा कवि कबीर और धीरज द्विवेदी द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में हुए काव्यपाठ में छन्द में लिखने वाले हिन्दी-उर्दू के कवियों द्वारा एक ही मंच पर कविताओं की प्रस्तुति की गयी।
युवा शायर मुजम्मिल फ़िदा ने ‘बाग़बान खुद है नशेमन को जलाने वाला’, इल्तिफ़ात माहिर ने ‘जिसे खुलूस ने मारा हो वो कहाँ जाए’, जयप्रकाश श्रीवास्तव ने ‘बिछ गई है बिसातें चले आइए’, अखिलेश सिंह ने ‘जब जीवन सौंपा पीड़ा को, पीड़ा में ही पाया जीवन को’, मोतीलाल तिवारी ने ‘बहुत दिनों तक मजनूँ रोया, लैला रही उदास’, जसवंत अरोड़ा ने ‘बच्चों के सुख से माँ-बाप को ठंडक पहुँचती है’, वरिष्ठ कवि आशाराम जागरथ ने ‘हम तंगहाली के टूटे हैं, सारी दुनिया से रूठे हैं’, लखनऊ से पधारे कवि अनिल श्रीवास्तव ने ‘हम अपने कल के लिए अपना आज बदलेंगे’, कवयित्री रीता शर्मा ने ‘प्रेम प्रवाह में ऐसे मत बहना, सोच समझकर तुम पग रखना’, वरिष्ठ कवयित्री ऊष्मा वर्मा सजल ने ‘बात है बीच की तेरे मेरे, ग़ैर से मशवरा नहीं करना’, युवा कवयित्री पूजा श्रीवास्तव ने ‘कलियुग में अमृत सबको चखना होगा, ये धर्मयुद्ध है इसको हमको लड़ना होगा’, युवतर कवयित्री शालिनी सिंह ने, ‘इतना आसान नहीं है बड़ों का किरदार निभाना’, मवई से पधारे कवि रामदास ‘सरल’ ने, ‘कापी-ए-ज़िंदगी में हैं पन्ना बहुत’ जैसी पंक्तियों से श्रोताओं को प्रभावित किया। मुख्य अतिथि राजेंद्र वर्मा की कविता ‘परस्पर प्रेम का संदेश गाओ, यह संसार प्रेम पर निर्भर बहुत है’ जैसी पंक्तियों से समन्वय का संदेश दिया। इस अवसर पर विनीता कुशवाहा, आर एन कबीर, मो याकूब, शेर बहादुर शेर, राम दुलारे यादव, तारिक, शिवधर द्विवेदी, रामजीत यादव, ममता सिंह, मंजु मौर्य, रंजना, सुषमा, कंचन, नीलम, सरिता, ज्ञान, राधे रमन सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, महावीर सहित बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी, समाज सेवी एवं पत्रकारों सहित संगठन के सदस्य उपस्थित थे।

Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments