अयोध्या। अवध विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र तथा महिला शिकायत एवं कल्याण प्रकोष्ठ द्वारा राष्ट्रीय महिला दिवस तथा वर्ल्ड एनीमिया जागरूकता दिवस के अवसर पर स्वास्थ परीक्षण कैंप तथा जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के अहिल्याबाई होल्कर छात्रावास में स्वास्थ्य परीक्षण कैंप में 140 छात्राओं, महिला शिक्षिकाओं तथा कर्मचारियों का हीमोग्लोबिन स्तर जांचा गया। इसमें सभी का औसत हीमोग्लोबिन स्तर 9 पाया गया। जो कि माइल्ड एनीमिया की कैटेगरी में है।
कार्यक्रम में दौरान अध्यक्षता कर रही विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल ने राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए छात्राओं, शिक्षिकाओं व कर्मचारियों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हमारे देश में महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण सरोजिनी नायडू रही है। इन्हीं के जन्मदिवस को आज सभी राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मना रहे हैं। श्रीमती नायडू ने महिलाओं के अधिकारों तथा उनके उत्थान के लिए उल्लेखनीय कार्य किए। जो आज भी भारतीय जनमानस के लिए उत्कृष्ट उदाहरण है। कुलपति ने बताया कि सरोजिनी नायडू बचपन से ही अद्भुत प्रतिभाओं की धनी रही। उन्होंने 12 साल की उम्र में ही कविताएं लिखना प्रारम्भ कर दिया था। उन्होंने देश के स्वतंत्रता संग्राम में पुरुष क्रांतिकारियों के साथ कदम मिलाकर संघर्ष किया। कुलपति प्रो0 गोयल ने बताया कि इसी कारण नायडू को भारत की कोकिला भी कहां जाता है। उनकों स्वतंत्र भारत की पहली महिला राज्यपाल के रूप में भी कार्य करते हुए भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कुलपति ने कहा कि आज के दिन सभी छात्राओं एवं महिलाओं से यह कहना चाहती हूं कि स्वयं पर भरोसा रखते हुए अपने कार्य दायित्वों का निर्वहन करें और लक्ष्य को निर्धारित करते हुए सकारात्मक सोच के साथ कार्य करें। कार्यक्रम में कुलपति ने छात्राओं, शिक्षिकाओं एवं कर्मचारियों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत करते हुए कहा कि एनीमिया जैसी बीमारियों से स्वयं को बचाये। क्योंकि एनीमिया एक ऐसी बीमारी है जिससे न केवल महिलाएं बल्कि युवा लड़कियां काफी संख्या प्रभावित होती हैं। इसीलिए आज विश्वविद्यालय में एनीमिया जागरूकता कैंप का आयोजन किया गया है।
इसी क्रम में अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो0 नीलम पाठक ने कहा कि छात्राओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए। इसके लिए अच्छे खान-पान के साथ व्यायाम को अपनी जीवन शैली में स्थान देना चाहिए। प्रकोष्ठ की समन्वयक प्रो0 तुहीना वर्मा ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि स्वस्थ रहने के लिए एक व्यवस्थित दिनचर्या अपनाना चाहिए। विश्वविद्यालय स्वास्थ्य चिकित्साधिकारी डॉ0 दीपशिखा चौधरी ने छात्राओं, महिला शिक्षकों तथा कर्मचारियों को एनीमिया के बारे में जागरूक करते हुए कहा कि एनीमिया का रक्त में लौह तत्व की कमी से होता है। एनीमिया 15 से 55 साल की उम्र में महिलाओं में ज्यादा होता है। इससे निजात पाने के लिए खानपान में मोटे अनाज, दाल, चना गुड़, आलू पालक, मटर गोभी का सही प्रकार से सेवन के आसान तरीके से एनीमिया जैसी बीमारी से बचा सकता है।
कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 मनीषा यादव ने किया द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ0 नीलम यादव, डॉ0 गीतिका सिंह, डॉ0 महिमा चौरसिया डॉ0 निहारिका सिंह, डॉ0 प्रतिभा त्रिपाठी, इंजीनियर निधि, सुश्री गायत्री सहित बड़ी संख्या में छात्राएं, शिक्षिकाएं तथा महिला कर्मचारी उपस्थित रही।