◆ सीएमएस डॉ. एके सिंह के नेतृत्व में जांच समिति गठित, दो दिन में सौंपेगी रिपोर्ट
◆ दस घंटे में चढ़ाई जाने वाली ड्रिप महज 15 मिनट में लगा देने का आरोप
अयोध्या। राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में इलाज में लापरवाही बरते जाने का मामला सामने आने के बाद प्रशासन सक्रिय हो गया है। आरोप है कि 10 घंटे में चढ़ाई जाने वाली ड्रिप महज 15 मिनट में लगा दी गई, जिससे मरीज की हालत बिगड़ गई और अंततः उसकी मौत हो गई। इस गंभीर प्रकरण में दोषी मानी जा रही दो स्टाफ नर्सों की सेवाएं जांच पूरी होने तक स्थगित कर दी गई हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सत्यजीत वर्मा ने दो नर्स तथा वार्ड बॉय को निलंबित करते हुए सीएमएस डॉ. अरविंद सिंह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया है। कमेटी को 48 घंटे में अपनी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है।
मृतक के परिजनों का आरोप है कि बीकापुर क्षेत्र के रजौरा निवासी नरेंद्र बहादुर सिंह, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, पूरी तरह से सामान्य स्थिति में थे। उनकी पुत्री मीनाक्षी सिंह, जो स्वयं नर्स हैं और वर्तमान में गोण्डा मेडिकल कॉलेज में कार्यरत हैं, ने बताया कि उनके पिता को दी जाने वाली 10 घंटे की ड्रिप को मात्र 15 मिनट में चढ़ा दिया गया, जिससे उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई।
इस दौरान उनके पुत्र ने कई बार अस्पताल के चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ से मदद की गुहार लगाई, लेकिन कोई समय पर नहीं पहुंचा। आखिरकार इलाज न मिल पाने के कारण मरीज की मृत्यु हो गई। घटना के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश देखा गया। भीड़ इकट्ठा होते देख प्राचार्य डॉ. वर्मा को मौके पर पहुंचकर स्थिति नियंत्रित करनी पड़ी।
शनिवार को मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया। घटना के समय ड्यूटी पर मौजूद नर्स संगीता पाल और सुमन पाल की सेवाएं जांच पूरी होने तक रोकी गई हैं। साथ ही संबंधित वार्ड बॉय को तत्काल ड्यूटी से हटा दिया गया है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सत्यजीत वर्मा ने बताया कि मामला गंभीर है और इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, प्रथम दृष्टया लापरवाही पाए जाने पर वार्ड बॉय अखिलेश और संबंधित स्टाफ नर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। मामले में जो भी अन्य दोषी पाए जाएंगे, उन पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।