अयोध्या। प्रजापिता ब्रहमाकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, अयोध्या सेवाकेंद्र पर मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती जी का 58वां पुण्य स्मृति दिवस के उपलक्ष्य में आध्यात्मिक ज्ञान दिवस के रूप में मनाया गया। जिसके अंतर्गत स्थानीय सेवाकेंद्र पर राजयोग मेडिटेशन आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा का कार्यक्रम रखा गया।
सेवाकेंद्र प्रभारी बी के शशी दीदी ने मातेश्वरी जगदंबा जी के विशेषताओं से सबको अवगत कराया। उन्होंने बताया कि ब्रह्माकुमारी संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा जी का जन्म 1919 में एक सामान्य परिवार में हुआ था। उनके बचपन का नाम ’ओम राधे’ था। जब मातेश्वरी जी ओम की ध्वनि का उच्चारण करती थी, तो पूरे वातावरण में गहन शान्ति छा जाती थी। इसलिए वे ’ओम राधे’ के नाम से लोकप्रिय हुई। मातेश्वरी जी ने 24 जून, 1965 को अपने नश्वर देह का त्याग करके सम्पूर्णता को प्राप्त किया था। इस दिवस को ब्रह्माकुमारी संस्थान के देश-विदेश के भाई-बहने आध्यात्मिक ज्ञान दिवस’ के रूप में मना रहे हैं। आज मातेश्वरी जी का 58वां पुण्य स्मृति दिवस है।
उन्होने बताया कि मातेश्वरी जी ने अपने त्याग, तपस्या और सेवा से समस्त मानव समुदाय को जीवनमुक्ति की राह दिखाई तथा नारियों को अध्यात्म के पथ पर चलते हुए समाज की सेवा करने के लिए प्रेरणा प्रदान किया। मनमोहिनी दीदी जी, दादी प्रकाशमणि जी, दादी जानकी जी दादी हृदय मोहिनी जी इत्यादि बहनों ने मातेश्वरी जगदम्बा जी के सान्निध्य में ही रहकर मानवता की सेवा का पाठ सीखा। इन महान आत्माओं ने भारतीय संस्कृति, सभ्यता एवं मानवीय मूल्यों के आध्यात्मिक शिक्षा को विश्व के 140 देशों में पहुँचाया। मातेश्वरी जगदम्बा जी आधुनिक युग की चैतन्य देवी थी। उन्हें ईश्वरीय ज्ञान, गुण और शक्तियों को धारण करके लोगों को अनुभव कराने का दिव्य वरदान प्राप्त था। उनके दिखाये गये मार्ग पर चलते हुए ब्रह्माकुमारी संग सेवा का जो महान कार्य कर रही है, यह मातेश्वरी जी के प्रति सच्ची श्रद्धजलि है। इस कार्यक्रम में लगभग 125 ब्रह्माकुमार-कुमारी भाई बहनों ने भाग लिया।