◆ 13 जून 2019 को हुआ था मनोज शुक्ला हत्याकांड
◆15 जून को गोण्डा में मिला था मनोज का शव
अयोध्या। मनोज शुक्ला हत्याकांड में सभी 11 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है। जिसमें आशीष सिंह, विरेश सिंह, श्याम कुमार, विनीत कुमार पाण्डेय, श्रवण गोपाल पाण्डेय, शिवम सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, विकास तिवारी, सोनू सोनकर, राना सिंह, अनीस पाण्डेय शामिल है।
अभियुक्तों को धारा 302 में आजीवन कारावास व दस हजार अर्थदण्ड, धारा 201 में दो वर्ष के सश्रम कारावास व पांच हजार अर्थदण्ड, धारा 364 में दस वर्ष के सश्रम कारावास व पांच हजार अर्थदण्ड, धारा 323 में 6 माह के साधारण कारावास व पांच सौ रुपये अर्थदण्ड, धारा 147 में एक वर्ष के साधारण कारावास व 500 रुपये अर्थदण्ड, धारा 148 में प्रत्येक को दो वर्ष के साधारण कारावास व 500 रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई गयी है। अर्थदण्ड की सम्पूर्ण धनराशि में एक लाख दस हजार मृतक मनोज शुक्ला के भाई को प्रतिकर के रुप प्रदान की जाएगी। सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी। जेल बिताई गयी अवधि इसमें समायोजित की जाएगी।
एडीजीसी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि 13 जून 2019 को राघवेन्द्र शुक्ल ने कोतवाली नगर में तहरीर दी 12 जून 2019 की रात 11 बजे उसका छोटा भाई मनोज शुक्ला को वीरेश सिंह पुत्र स्व. वीपी सिंह उर्फ चट््टान सिंह के साथ सिविल लाइन एक होटल में खाना खाने गया। वहां उसके भाई को आशीष सिंह पुत्र वीपी सिंह उर्फ चट््टान सिंह ने मारा पीटा तथा अपहरण कर लिया। इस संबध में कोतवाली नगर में अपहरण का मुकदमा पंजीकृत हुआ। 15 जून 2019 को मनोज शुक्ला की लाश मसकनवां रेलवे थाना छपिया गोण्डा में मिली। फोटो के आधार पर मनोज की शिनाख्त हुई।