अयोध्या। प्रतिष्ठित पीठ श्रीवैद्यजी का मंदिर, श्रृंगारहाट में दिव्य झूलन की झांकी सज रही है। मौका है युगल सरकार के झूलन महोत्सव का। जहां मंदिर में नागपंचमी से झूलनोत्सव का शुभारंभ हो चुका है। जो शनैः शनैः अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंच रहा है। प्रतिदिन सायंकाल पीठ के वर्तमान पीठाधिपति महंत राजेंद्र दास महाराज की सानिध्य में युगल सरकार के झूलन की भव्य झांकी सज रही है। मंदिर में झूलनोत्सव का सिलसिला रात्रि 8 बजे तक चलता है। युगल सरकार के दिव्य झूलन झांकी का दर्शन भक्तगण अपना जीवन कृतार्थ कर रहे हैं। अयोध्याधाम के नामचीन कलाकार झूलन में सज-धजकर युगल सरकार बैठे हैं.., चलो री सखी देखि आई सिया रघुवीर कै झुलनवा.., रमकि-रमकि झूले नवल हिडोलना आदि अनेकानेक झूलन गीत गाकर उत्सव की महफिल सजा रहे हैं। इससे झूलनोत्सव में चार-चांद लग रहा है। झूलन और कजरी गीतों से भक्तगण मंत्रमुग्ध हुए। झूलन महोत्सव पर महंत द्वारा कलाकारों को नेग-न्यौछावर भी भेंट किया जा रहा है। श्रीवैद्यजी का मंदिर के वर्तमान पीठाधिपति महंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि युगल सरकार के ऐतिहासिक झूलन महोत्सव का कार्यक्रम श्रावण शुक्ल तृतीया प्रारंभ हो चुका है। झूलनोत्सव की परंपरा बहुत वर्षों से चली आ रही है। मंदिर में भी नागपंचमी से युगल सरकार का झूलन महोत्सव शुरू है। सायंकाल भोग, आरती-पूजन पश्चात दिव्य झूलन झांकी सजाई जा रही है। हम संत-महंत युगल सरकार को झूलन झुलाते हुए भाव के अंतरंग में आनंदित हो रहे हैं। साथ ही साथ युगल सरकार के सम्मुख विभिन्न झूलन गीत गाकर भावविभोर भी हैं। मठ में रक्षाबंधन तक झूलन का कार्यक्रम अपने चरम पर रहेगा। भगवान के झूलन झांकी का दर्शन करने से अपार पुण्य की प्राप्ति होती है। मनुष्य सर्वथा के लिए आवागमन से मुक्त हो जाता है। उसे सांसारिक माताओं की गोद में कभी नही झूलना पड़ता है।