अम्बेडकर नगर। नारी शरणालय, अयोध्या मे राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के अंतर्गत कुपोषण की समस्या एवं बचाव विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस विधिक साक्षरता शिविर में कमलेश कुमार मौर्य, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,श्रीमती भारती शुक्ला, प्रभारी अधीक्षिका, नारी शरणालय, अयोध्या एवं नारी शरणालय के कर्मचारीगण एवं निवासरत संवासिनियां उपस्थित रहे।
शिविर को सम्बोधित करते हुये कमलेश कुमार मौर्य, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,ने बताया कि शरीर के लिये आवश्यक सन्तुलित आहार लम्बे समय तक नहीं मिलना ही कुपोषण है। कुपोषण के कारण बच्चों और महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिससे वे आसानी से कई तरह की बीमारियों के शिकार बन जाते हैं इसलिये कहा जाता हैं स्त्रियों और बच्चों में कई ऐसे रोग पाये जाते हैं जिनका कारण सन्तुलित भोजन का अभाव होना है। कुपोषण के रोकथाम एवं उपचार के लिये अस्पताल में साप्ताहिक टीकाकरण, प्रसवोत्तरोपरान्त शीघ्र स्तनपान कराने तथा छः माह तक माँ का दूध पिलाने तथा इसके बाद पूरक आहार दिये जाने आदि के बावत विस्तार से बताया गया।
उन्होंने बताया कि गांव के लोगों में भान्तियां है कि बच्चे के पैदा होने पर पीला गाढ़ा दूध नहीं पिलाना चाहिये ये दूध बच्चों को नुकसान पहुँचाता है। इस प्रकार की अन्य भ्रान्तियों को दूर करना अति आवश्यक है। हमारे देश में कुपोषण एक गम्भीर समस्या बन गयी है। इसका प्रमुख कारण है बढ़ती जनसंख्या और घटते संसाधन उन्होंने बताया कि भारत एक विकासशील देश है। यहां पर जनसंख्या बहुत तेजी के साथ बढ़ रही है अगर इस पर रोकथाम नहीं लगायी गयी तो कुपोषण की समस्या विकराल रूप धारण कर लेगी। इसी कुपोषण के कारण ही लाखों बच्चे प्रत्येक वर्ष मौत के मुँह में चले जाते हैं जो गरीब आदमी है वह अच्छे इलाज एवं पौष्टिक भोजन न मिलने के कारण कुपोषण का शिकार होकर असमय ही काल कवलित हो जाते हैं। समाज में महिलाओं को शिक्षित करके ही बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगायी जा सकती है। कुपोषण एक अभिशाप है और इसे समाप्त करने के लिये हम सबको मिलकर कदम उठाने पड़ेगें नहीं तो बिना स्वस्थ समाज के स्वस्थ राष्ट्र की कल्पना नहीं की जा सकती है। सचिव महोदय द्वारा बताया गया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अन्य सरकारी विभागों के माध्यम से ग्रामीण अंचल बालिकाओं के शिक्षा तथा महिलाओं के स्वास्थ्य एवं अधिकार पर काम कर रही हैं।