अंबेडकर नगर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मिझौड़ा स्थित चीनी मिल में अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर श्रमिकों के अधिकार विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अंतर्गत सावधानीपूर्वक किया गया। इस विधिक साक्षरता शिविर में कमलेश कुमार मौर्य, अपर जिला जज / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अनुराग त्रिपाठी, जिला श्रम प्रवर्तन अधिकारी, रमेश राम त्रिपाठी चीफ लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, जितेन्द्र कुमार सिंह, मानव संसाधन प्रबन्धक, विपिन कुमार, दिनेश कुमार सिंह, एस०एन० अहमद, राना प्रताप सिंह, राजा बाबू गौर, रनधीर सिंह, उत्तम कुमार सिंह, राजेश कुमार मिश्र, छोटे लाल कुशवाहा एवं चीनी मिल के कर्मचारीगण व श्रमिकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
शिविर को सम्बोधित करते हुये अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर श्रमिकों का उनके द्वारा ईमानदारी एवं परिश्रम से कार्य के बल पर जीवन निर्वाह की प्रशंसा व गर्वपूर्ण स्थिति को रेखांकित करते हुए मजदूरों के संरक्षण हेतु निर्मित विधियों न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, बाल श्रम (निषेध एवं नियन्त्रण) 1986 कारखाना अधिनियम, वर्कमैन कंपनसेशन एक्ट, मनरेगा अधिनियम, ई०पी०एफ० एक्ट औद्योगिक विवाद अधिनियम आदि विधि प्राविधानों से अवगत कराया गया जिसका उपयोग करके वह अपना शोषण होने से खुद को बचा सकते हैं। इस सम्बन्ध में मजदूरों के हितों से सम्बन्धित भारतीय संविधान में नीति-निर्देशक तत्वों के अनुच्छेद व मूल अधिकारों से सम्बन्धित अनुच्छेद 23 एवं 39 से अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के अंतर्गत चलने वाली प्रमुख स्कीमों में असंगठित क्षेत्र के अनिकों हेतु भी योजना चलाई जा रही है जिसके तहत संचालित टेली-लॉ स्कीम के तहत गरीब एवं मजदूर व्यक्तियों जो उचित जानकारी न होने के कारण सही मंच पर अपनी शिकायत नहीं कर पाते अपनी समस्याओं को कामन सर्विस सेप्टर पर दर्ज कराकर उन समस्याओं का समाधान पा सकते हैं। उन्होंने मजदूरों के विधिक अधिकारों के बारे में बताते हुए कहा कि जिस मजदूर के पारिश्रमिक का भुगतान उचित एवं समय से नहीं किया जाता तो यह नियोक्ता के विरुद्ध न्यायालय / जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का दरवाजा खटखटा सकते है उन्होने बताया कि श्रमिक अपना पंजीयन जन सुविधा केन्द्र द्वारा ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल upssb.in पर करवा सकते हैं। वर्तमान में श्रमिकों हेतु राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना चलाई जा रही है जिसमें पंजीकृत कामगारों व उनके परिजनों हेतु 05 लाख तक कैशलेश इलाज की सुविधा उपलब्ध है व मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना जिसमें कामगार के दुर्घटना में मृत्यु अथवा दिव्यांग होने की स्थिति में अधिकतम दो लाख की आर्थिक सहायता का प्रावधान है।
कार्यक्रम में बोलते हुये अनुराग त्रिपाठी, जिला श्रम प्रर्वतन अधिकारी, द्वारा बताया गया कि श्रम अधिनियम या श्रम कानून किसी राज्य द्वारा निर्मित उन कानूनों को कहते हैं जो श्रमिका, रोजगार प्रदाताओं ट्रेड यूनियनों तथा सरकार के बीच सम्बन्धों को परिभाषित करती हैं एवं श्रमिक समाज के विशिष्ट समूह होते हैं इस कारण श्रमिकों के लिये बनाये गये विधान, सामाजिक विधान की एक अलग श्रेणी में आते हैं।