अयोध्या। श्री रामचरित मानस, रामायण और श्रीमद्भागवत गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की मांग को लेकर मित्रमंच द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। वरिष्ठ भाजपा नेता व मित्रमंच के राष्ट्रीय प्रमुख शरद पाठक “बाबा“ नें टीम के साथ कचहरी परिसर में पत्रक बाँट कर अधिवक्ताओं व वादकारियों से समर्थन मांगा। बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं ने मांग का समर्थन किया।
मित्र मंच के राष्ट्रीय प्रमुख शरद पाठक “बाबा“ ने कहा कि विश्व गुरू कहे जाने वाले भारत में सनातन संस्कृति को धरोहर के रूप में माना जाता है, जिसका मुख्य आधार श्रीमद् भगवतगीता, श्री रामचरितमानस व रामायण के साथ-साथ चारो वेद व अट्ठारह पुराण जिसमें हिन्दू धर्म संस्कृति के बारे में विस्तृत वर्णन है।जैसे भारत देश जिसे देवभूमि कहा गया है। वहां इन ग्रंथों का राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। विश्व के करोड़ों सनातनी हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए उक्त ग्रंथों को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सभी सनातनी हिंदुओं से आग्रह और निवेदन है। इन ग्रंथों को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित कराने के लिए अभियान में साथ दें। बता दे कि मांग को लेकर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को पहले भी मांग पत्र भेज चुके हैं।