जलालपुर अम्बेडकर नगर। सुख-दुख, अनुकूलता या प्रतिकूलता—हर परिस्थिति में भगवान की इच्छा को स्वीकार कर लेना ही सच्ची भक्ति है। जो व्यक्ति श्रद्धा से भगवान का ध्यान करता है, उसे भगवान निश्चित ही सद्गति प्रदान करते हैं। यह प्रेरणादायक बातें ग्राम हजपुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिवस पर कथा व्यास राजेश निर्मोही ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के जीवन की लीलाएं हमें यही संदेश देती हैं कि केवल वही सत्य हैं, जो दिखाई नहीं देते। संसार की समस्त वस्तुएं नश्वर हैं और माया मोह का कारण हैं। कथा व्यास ने कहा कि कंस जैसे शत्रु को भी, जो भगवान का शत्रुता भाव से ही सही, निरंतर स्मरण करता था, भगवान ने अपने हाथों से गति और मुक्ति प्रदान की। ऐसे में यदि श्रद्धा भाव से भगवान का ध्यान किया जाए तो भक्त को मोक्ष की प्राप्ति निश्चित है।
कृष्ण लीलाओं का भावपूर्ण वर्णन
राजेश निर्मोही ने पूतना वध, यमलार्जुन उद्धार, माखन चोरी, ग्वाल बालों संग खेल, और ब्रजवासियों के प्रेम भाव को विस्तार से सुनाते हुए श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। उन्होंने गोवर्धन पर्वत धारण की लीला का उल्लेख करते हुए कहा कि जब भगवान भक्त के हित के लिए कार्य करते हैं, तो सबसे पहले वह अहंकार रूपी बाधा को नष्ट करते हैं। इंद्र का अभिमान भंग करना भी उसी का प्रमाण है।
मुख्य यजमानों ने किया पूजन
कथा के शुभारंभ में मुख्य यजमान हृदय मणि मिश्र एवं उनकी धर्मपत्नी प्रेम देवी ने कथा व्यास और भगवान का विधिवत पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर डॉक्टर राजेश मिश्रा, बृजेश मिश्रा सहित समस्त मिश्र परिवार उपस्थित रहा। यज्ञाचार्य दुर्गेश पांडे और बिजेंद्र पांडे के निर्देशन में वैदिक विधि से यज्ञ संपन्न हुआ। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने पूरे आयोजन में भाग लिया और भक्ति भाव से कथा का रसपान किया।