अंबेडकर नगर। यूं तो रमजान का पूरा महीना ही महत्वपूर्ण है। लेकिन अंतिम शुक्रवार अर्थात जुम्मतुल विदा मजहब-ए-इस्लाम में बहुत अधिक अहमियत रखता है।
यह बात शिया जामा मस्जिद मीरानपुर में अंतिम शुक्रवार की नमाज के मध्य मौलाना अकबर अली वायज जलालपुरी ने कही। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार अलविदा जुमे की नमाज में सच्चे दिल से दुआ मांगी जाए तो अल्लाह उसे जरूर कुबूल करता है। मौलाना मोहम्मद रजा रिजवी, मौलाना नकी अब्बास रिजवी, यावर जैदी, दिलावर जैदी, कल्बे अब्बास, रिजवान हुसैन, मोहम्मद अब्बास, बाकर रजा, मुन्ने खान, मजहर अब्बास सहित हजारों लोग नमाज में सम्मिलित हुए। इसके अलावा जिले के अन्य स्थानों पर हर्षोल्लास के साथ शांतिपूर्ण माहौल में जुमें की नवाज अदा की गई।