अंबेडकर नगर। लोकसभा चुनाव के पहले हुए निकाय चुनाव में जिले में भाजपा को करारा झटका लगा है। एक नगर पंचायत को छोड़कर तीन नगरपालिका वह तीन नगर पंचायतों में भाजपा को करारी हार मिली है। कहीं ना कहीं या हार बीजेपी की आगामी लोकसभा की तैयारियों को फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है। वही पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में जिले में बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया था। भाजपा के लिए निकाय चुनाव सेमी फाइनल की तरह था लेकिन भाजपा के मठाधीशों ने जिले में नैया डुबो दी। वही समाजवादी पार्टी दो वा बी एस पी, भाजपा को एक एक सीट मिली, जबकि तीन पर निर्दल प्रत्याशी ने जीत दर्ज की। नगर पालिका अकबरपुर में निर्दल प्रत्याशी चंद्र प्रकाश वर्मा ने एकतरफा जीत दर्ज की उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी निर्दल प्रत्याशी नाजरीन बेगम को को 6390 मतों से हराया। चन्द्र प्रकाश बर्मा को 20201 मत प्राप्त हुए थे। चन्द्र प्रकाश पूर्व दो बार बार चेयरमैन रह चुके है। निवर्तमान चेयरमैन भाजपा प्रत्याशी सरिता गुप्ता तीसरे नंबर पर रही।
जलालपुर नगर पालिका में साइकिल हाथी वा कमल को रौदते हुऐ आगे निकल गई। सपा के प्रत्याशी खुर्शीद जहां ने भाजपा प्रत्याशी शोभावती को 3231 मतों से हराया। खुर्शीद जहां को 10288 मत मिले वहीं शोभावती 7057 मत मिला। यहां पहली बार भाजपा दूसरे नंबर पर रही।
टांडा निर्दलीय प्रत्याशी शबाना नाज ने 6385 मतों से जीत दर्ज की। नगर पंचायत इल्तिफ़ात गंज में सपा प्रत्याशी सबा परवीन ने भाजपा प्रत्याशी रेनू देवी को 1091 मतों से हराया हराया। यहां एक बार फिर विधायक लालजी वर्मा भाजपा प्रभारी पढ़े।
नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा में नगर पंचायत के गठन के बाद से भाजपा ने पहली बार जीत दर्ज की। यहां भाजपा प्रत्याशी ओमकार गुप्ता ने अपने निकटतम प्रत्याशी बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को हराया।
नगर पंचायत राजे सुल्तानपुर में निर्दल प्रत्याशी विनोद प्रजापति ने बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी कमलेश निषाद को 11 96 मतों से हराया वही। जहांगीर गंज से बहुजन समाज पार्टी विजई रही। बी एस पी की सुनीता देवी ने 4549 मत पाकर 1765 मतों विजई रही। यहां दूसरे नंबर पर ए आई एम आई एम के प्रत्याशी रहे। भाजपा से विधायक रही अनीता कमल तीसरे नंबर पर रही। नगर निकाय के नतीजे कहीं ना कहीं भाजपा की 2024 करने की योजना पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं। चर्चा है कि प्रत्याशी का चयन सही ना होने से विधानसभा में भाजपा का सूपड़ा साफ हुआ कमोबेश यही स्थिति निकाय चुनाव में हुई।