अयोध्या। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन सीता नवमी मनाई जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता सीता इसी दिन धरती से प्रकट हुई थीं। इसीलिए इस दिन को सीता नवमी के रूप में मनाते हैं। इसको जानकी नवमी के नाम से भी जाना जाता है। रामनगरी अयोध्या के सभी मठ मंदिरों में जानकी नवमी का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर गोकुल भवन व कनक भवन, जानकी घाट बड़ा स्थान और अन्य मठ मंदिरों में जानकी जी का दुग्ध अभिषेक करके आरती किया गया और भक्तों को जानकी जी का प्रसाद वितरण किया गया।
सभी मठ मंदिरों में भंडारे का भी कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। जिसमें साधु संत व श्रद्धालु सम्मिलित हुये और भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान संत महंत व पुरोहित समाज के अध्यक्ष ने सभी देश और अयोध्या वासियों को जानकी नवमी की बधाई देकर आशीर्वाद दिया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सीता नवमी पर विशेष रूप से माता सीता की उपासना करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। साथ ही जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। मान्यता है इस दिन मां सीता की विधि विधान से पूजा करने पर आर्थिक तंगी दूर होती है और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।