◆ मिल्कीपुर उपचुनाव टलने को लेकर गरमा गयी है राजनीति
◆ उपचुनाव टलने का जिम्मेदार कौन, यह सबसे बड़ा सवाल
अयोध्या। यूपी में उपचुनाव हो रहे है। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा का विषय मिल्कीपुर में उपचुनाव का न होना है। भाजपा व सपा के लिए प्रतिष्ठा की सीट बनी मिल्कीपुर में अब दोनो पार्टियां एक दूसरे को चुनाव टालने का जिम्मेदार बता रही है। पहले पूर्व विधायक ने इसका जिम्मेदार सांसद अवधेश प्रसाद को बताया। जिसके जवाब में सांसद अवधेश प्रसाद ने प्रेसवार्ता की। अब पूर्व विधायक ने इसका जवाब दिया है।
मिल्कीपुर में चुनाव न होने का जिम्मेदार पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ की रिट याचिका को बताया जा रहा है। रिट याचिका को वापस लेने के गये पूर्व विधायक को कोर्ट में अगली तारीख मिल गयी। जिसका जिम्मेदार उन्होंने शुक्रवार को प्रेस वार्ता करके सांसद अवधेश प्रसाद को बताया। सांसद अवधेश प्रसाद ने इसके जवाब में रविवार को प्रेसवार्ता की। इसमें उन्होंने अधिवक्ताओं को खड़ा करने के दावों को झूठा करार दिया। जिसके बाद पूर्व विधायक ने पलटवार करके सांसद की बात को गुमराह करने की राजनीति करार दिया। पूर्व विधायक ने आनलाइन मौजूद हाईकोर्ट के आदेश में अपनी बात सही होने का फिर से दावा किया।
” पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा का कहना है कि सांसद अवधेश प्रसाद पूरी तरह से भ्रम तथा अफवाह फैला रहे है। उनके अधिवक्ता हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत हुए थे। जिनकी मौजूदगी में कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस देने व गजट कराने का आदेश 17 अक्टूबर को दिया।”
” इससे पहले प्रेसक्लब में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि रिट याचिका वापस लेने के दौरान नियमों का पालन नहीं किया गया। पक्षकारों को नोटिस जारी करने के साथ गजट जैसी प्रक्रिया नहीं अपनाई गयी। उन्होने कहा कि हमने कोई वकील नहीं किया। दर्जनों वकीलों को खड़ा करने की बात झूठी है। “
सांसद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दस विधानसभा के उपचुनाव होने थे। इन सभी सीटों पर भाजपा हारने वाली थी। क्योकि जनता सरकार से ऊब चुकी है। लोकसभा फैजाबाद की सीट भाजपा हार चुकी थी। मिल्कीपुर फैजाबाद लोकसभा की सीट है। जहां बेटे अजीत प्रसाद को टिकट मिलने पर जीत सुनिश्चित लग रही थी। इसी कारण से चुनाव को टाला गया है। उन्होनें कहा कि चुनाव होगा तो यह हरेगे। सांसद के चुनाव की तरह से मिल्कीपुर में सपा को जीत मिलेगी।