◆ कवियों की मनोहर प्रस्तुतियों से श्रोता हुए भाव विभोर
अयोध्या। हास्य, श्रंगार, वीर रस के छन्दों ने भारतीय साहित्य की गहनता का अयोध्या महोत्सव में आयोजित काव्य कलश के अवसर पर श्रोताओं को परिचय कराया। साहित्य सृजन की उत्कृष्टता को प्रदर्शित करते कवि सम्मेलन में शब्द सम्पदा का अपार भण्डार दिखाई दिया। कविता का भाव व उसके मंत्रमुग्ध करने वाले उच्चारण ने श्रोंताओं के अंतर्मन को झकझोर दिया। ठंड के बाद भी कवियों को सुनने के लिए महोत्सव के प्रांगण में भारी भीड़ उमड़ी। कमलेश शर्मा, हेमन्त पाण्डेय, स्वयं श्रीवास्तव, साक्षी तिवारी व अरुण द्विवेदी ने भाव विभोर करने वाली प्रस्तुति दी। सम्मेलन का संचालन कवि शशिकांत यादव ने किया। कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने किया।
इससे पूर्व अयोध्या महोत्सव के मंच पर जनसेवक अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें लोकगायक अनादि उपाध्याय ने अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने कहा कि कविता आत्मा का मौलिक व विशिष्ट संगीत है। यह मानव में संस्कार का रोपण करती है। हमारे विचारों को साकार स्वरुप प्रदान करने का यह सबसे प्रबल माध्यम है। अयोध्या महोत्सव हमारी इस सांस्कृतिक विरासत को संजोने के साथ इसे सम्बल प्रदान करने में लगातार लगा हुआ है।
काव्य कलश में शशिकान्त यादव ने जगा दिया है ‘‘स्वाभिमान सेना का तो इन भारतीय की लालो ने तो कड़ा पहरा दिया है‘‘ व साक्षी तिवारी की प्रस्तुति ‘‘शहीदों की रगो में जब तक बलिदान जिंदा है तब तक विश्व में मां भारती का सम्मान जिंदा है‘ की प्रस्तुति से परिवेश को देशभक्ति के रंगो से रंग दिया। कमलेश शर्मा की रचना ‘‘राम हुए है कितने और प्रमाण दें’’ की प्रस्तुति से समूचा प्रांगण राम भक्ति में डूब गया। अरूण द्विवेदी की रचना ‘‘शिखर पर हैं पहुंच जाते बहुत सारे अरूण‘‘, हेमंत पाण्डेय की ‘‘प्रभु बोले तेरी बात सही मेरे रोने का कारण यही है‘‘, स्वयं श्रीवास्तव की ‘‘डरना नही किसी के भी पैरां की नाप से‘‘ की प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
अयोध्या महोत्सव न्यास के अध्यक्ष हरीश श्रीवास्तव ने बताया कि अयोध्या की सांस्तिक विरासत को वैश्विक स्तर पर प्रसारित करने का मुहिम का व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है। महोत्सव यहां का रहन सहन, आचार विचार, वस्त्र, गीत व संगीत के साथ विभिन्न प्रकार कलाएं और इनका अनुसरण करने वाले व्यक्तियों के मन मतिष्क में इसकी सजीव तस्वीर का दर्शन करा रहा है। प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने के साथ उनमें निखार लाने का प्रयास भी किया जा रहा है।
मौके पर प्रबन्धक आकाश अग्रवाल, सचिव नाहिद कैफ, महासचिव अरुण द्विवेदी, महासचिव विवेक पाण्डेय, विजय यादव, मोहित मिश्रा, ऋचा उपाध्याय, महेश ओझा, आकिब खान, रवि चौधरी, रेगन सिंह चौधरी, स्वाती सिंह, बृजेश ओझा, उज्जवल सिंह चौहान, गौतम सिंह, राजेश गौड़, विनय वर्मा, प्रकाश पाठक, अनुराग सिंह, अभिनव दूबे, शशांक उपाध्याय, निकित चौहान आदि मौजूद रहे।