Monday, September 23, 2024
HomeAyodhya/Ambedkar Nagarअयोध्यारचनात्मकता से लगाव तो मोबाइल की लत से बचाव 

रचनात्मकता से लगाव तो मोबाइल की लत से बचाव 


◆ मेंहदी के रंग मनोसेहत के संग


◆ मोबाइल लत व  रचनात्मक मनोबचाव विषयक कार्यशाला आयोजित


अयोध्या। इन दिनों किशोर व किशोरियों में हिंसक बगावत की बढ़ती मनोवृत्ति के पीछे मोबाइल इंटरनेट लत है जिसे मनोविश्लेषण की भाषा में अब डिजिटल ड्रग कहा जाने लगा है क्योंकि इसके मनोदुष्परिणाम घातक नशीले पदार्थो जैसे होने लगे हैं।

यह बातें साहबदीन  सीताराम स्कूल मे किशोर स्वास्थ्य मंच कार्यक्रम के तहत आयोजित मोबाइल लत व  रचनात्मक मनोबचाव विषयक कार्यशाला  मे जिला चिकित्सालय के  मनोपरामर्शदाता डॉ आलोक मनदर्शन ने कही। डॉ मनदर्शन के अनुसार मोबाइल इंटरनेट की लत के किशोरों में चार प्रमुख लक्षण होतें हैं जिसमे पहला  लक्षण मोबाइल या इंटरनेट में लिप्त रहना या उसी के ख्याल में खोए रहना है। दूसरा लक्षण औसत मोबाइल  समय का  बढ़ते रहना , तीसरा लक्षण अपनी तलब को रोक न पाना तथा चौथा लक्षण लत पूरी न हो पाने या उसमें रोक टोक या बाधा उत्तपन्न होने पर क्रोधित या हिसक हो जाना शामिल है।इसके साथ ही ऐसे किशोरों का सामाजिक , परिवारिक व व्यक्तिगत व छात्र जीवन दुष्प्रभावित हो जाता है। इनमें नशाखोरी, ऑनलाइन गेमिंग व गैंबलिंग की लत भी होती है जिसके आत्मघाती या परघाती परिणाम हो सकते है। एकांकीपन, आत्मविश्वास में कमी, आक्रोशित व्यवहार व अवसाद या उन्माद जैसी रूग्ण मनोदशा भी इनमें पायी जाती है।


बचाव व उपचार: मोबाइल की लत के पीछे मुख्यतःडोपामिन नामक मनोरसायन जिम्मेदार है परंतु अच्छी बात यह है की यह रसायन रचनात्मक कार्यों व हॉबी एक्टिविटी से भी प्राप्त होता है और अन्य हैप्पी  हार्मोन सेरोटोनिन व एंडोर्फिन मे भी इज़ाफ़ा करता है जिससे डिजिटल लत पे काबू होने के साथ हो मनो स्वास्थ्य मे अभिवृद्धि होती है । इसी थीम के मद्देनज़र डॉ पूजा सिंह द्वारा मेंहदी रचना की प्रतियोगिता शिक्षकों व  छात्राओं मे आयोजित करायी गयी। अंत में सभी की एनीनिआ जाँच हुई व पुरस्कार वितरण प्रधानाचार्या ममता निषाद द्वारा किया गया।


Ayodhya Samachar

Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments