अयोध्या। अयोध्या धाम की प्राचीन पीठ लवकुश भवन बाल्मीकि आश्रम रामकोट में चल रहे सप्त दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का शनिवार को समापन हुआ। मंदिर में राम दरबार, दक्षिणमुखी हनुमान, नवदुर्गा, 108 शिवलिंग, माता गंगा की नवीन मूर्तियों को विधि-विधान से प्रतिष्ठित किया गया। शुक्रवार की सायंकाल मंदिर प्रांगण से गाजे-बाजे संग विशाल शोभायात्रा निकालकर मूर्तियों को नगर भ्रमण कराया। जो रामनगरी के मुख्य मार्गों से होते हुए पुनः अपने गंतव्य मंदिर को वापस लौटी। महोत्सव को प्राचीन लवकुश भवन बाल्मीकि आश्रम एवं लवकुश मंदिर के वर्तमान पीठाधीश्वर महंत रामकेवल दास महाराज ने अपनी सानिध्यता प्रदान किया। आश्रम में वैशाख शुक्ल सप्तमी 4 मई से सात दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव चल रहा था। मंदिर के गर्भगृह में प्राचीन मूर्तियों की पुनः प्राण प्रतिष्ठा एवं नवीन दक्षिणमुखी हनुमान, नौ दुर्गा, एक सौ आठ शिवलिंग, माता गंगा के नवीन मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होना रहा। वैशाख शुक्ल त्रयोदशी को मंदिर के गर्भगह में विधि-विधान पूर्वक वैदिक मंत्रोच्चारण संग प्राचीन मूर्तियों की पुनः प्राण प्रतिष्ठा सहित दक्षिणमुखी हनुमान, नौ दुर्गा, एक सौ आठ शिवलिंग, माता गंगा के नवीन मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई। प्राचीन लवकुश भवन बाल्मीकि आश्रम एवं लवकुश मंदिर के पीठाधीश्वर महंत रामकेवल दास महाराज ने बताया कि मठ में चल रहे सप्त दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव संपन्न हुआ। वैशाख शुक्ल त्रयोदशी तिथि पर आश्रम में विधि-विधान पूर्वक वैदिक मंत्रोच्चारण संग प्राचीन मूर्तियों की पुनः प्राण प्रतिष्ठा राम दरबार सहित दक्षिणमुखी हनुमान, नौ दुर्गा, एक सौ आठ शिवलिंग, माता गंगा के नवीन मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई। महोत्सव के समापन पर श्री महंत मुरली दास, महंत संजय दास, पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह, महंत महेश दास, मंदिर के उत्तराधिकारी महंत रामदास, महंत बलराम दास, हेमंत दास, पहलवान राजेश दास, पहलवान इंद्रदेव दास, ओमदास, महंत रामशरण दास रामायणी, आचार्य वरूण दास, आचार्य नारायण मिश्र, कृष्ण कुमार जयपुरिया, कन्हैया लाल, राजकुमार अग्रवाल आदि मौजूद रहे।