अयोध्या। जानकीघाट के पूर्वाचार्य व पूर्व सांसद विश्वनाथ दास शास्त्री महाराज को संतों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी। अवसर था उनके आठवीं पुण्यतिथि महोत्सव का। शनिवार सुबह मंदिर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। सभा में अयोध्यानगरी के विशिष्ट संत-महंतों ने उनके विग्रह पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। संतों ने उनके कृतित्व-व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। इस मौके पर पीठ की वर्तमान पीठाधिपति महंत डॉ. ममता शास्त्री ने कहा कि उनके गुरूदेव अप्रतिम प्रतिभा के धनी संत थे। उन्होंने आश्रम का सर्वांगीण विकास किया। जहां गौ, संत, विद्यार्थी व अतिथि सेवा सुचार रूप से चल रही है। मैं भी अपने गुरूदेव के पद्चिंहों पर चलकर मठ के उत्तरोत्तर विकास में कृत-संकल्पित हूं। पुण्यतिथि पर सर्वप्रथम मंदिर में विराजमान नर्मदेश्वर महादेव का भक्तगणों ने सामूहिक अभिषेक-पूजन किया। उन्होंने कहा कि महाराजश्री का जुड़ाव श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन से था। मंदिर आंदोलन की गतिविधियां और तैयारियां इसी आश्रम में की जाती । यह आश्रम जगत गुरु रामानंद भगवान से जुड़ा हुआ है अपनी यात्रा के दौरान वह अयोध्या के इसी स्थान में रुके हुए थे। श्रीरामजन्मभूमि पर दिव्य-भव्य मंदिर बन रहा है। जो जल्द ही बनकर पूरा हो जायेगा। भव्य मंदिर निर्माण से गुरूदेव का सपना साकार हो रहा है। अंत में महंत डॉ. ममता शास्त्री ने आए हुए संत-महंतों का स्वागत-सत्कार किया। काफी संख्या में संतों और भक्तगणों ने प्रसाद पाया। पुण्यतिथि पर मणिरामदास छावनी उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास, रसिक पीठाधीश्वर महंत जन्मेजय शरण, बड़ाभक्तमाल महंत अवधेश दास, विहिप केंद्रीय मंत्री पुरूषोत्तम नारायण सिंह, सरपंच रामकुमार दास, महंत रामानुज शरण, महंत गिरीश दास, महंत जनार्दन दास, स्वामी छविरामदास, सुप्रीमकोर्ट के अधिवक्ता अशोक मिश्रा, पुजारी रमेश दास, विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा, विजय राज आदि उपस्थित रहे।