अयोध्या। शहीद भगतसिंह स्मृति ट्रस्ट द्वारा काकोरी के महानायक अशफाक उल्ला खां का शहादत दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। पुष्पराज चौराहा से जेल तक सद्भावना मार्च निकाला गया। जेल पहुंच कर अशफाक उल्ला खां की मूर्ति का माल्यापर्ण ट्रस्ट के सदस्य धीरज द्विवेदी,अनिता यादव, मालती तिवारी,अखिलेश सिंह ,जेपी श्रीवास्तव और पूजा श्रीवास्तव द्वारा किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।
इस दौरान आयोजित सभा की अध्यक्षता जेपी श्रीवास्तव, संचालन मुजम्मिल फिदा ने किया। साकेत महाविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर डाक्टर अनिल सिंह ने कहा कि क्रांतिकारियों ने अपने लिए नही, अपनों के लिए कुर्बानी दिया। ब्रिटिश हुकूमत के चूले हिलाने वाले क्रांतिकारियों की कुर्बानी की बजह से आज देश आजाद हुआ। सम्राज्यवादी ताकतें अपनी मजबूत जड़े फैलाकर एकता को तोड़ रही है। इसके खिलाफ हमे साझी शहादत और साझी विरासत को मजबूत करना होगा। यही शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
ट्रस्ट के चेयरमैन सत्यभान सिंह जनवादी ने कहा कि अमर शहीद अशफाक उल्लाह खां ने काकोरी कांड में महत्वपूर्ण भमिका निभाई। 19 दिसम्बर 1927 को उन्हें फैज़ाबाद जेल में फांसी दे दी गई। अशफाक उल्लाह खां उर्दू भाषा के बेहतरीन शायर भी थे। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सम्पूर्ण इतिहास में “बिस्मिल और अशाफक की भूमिका निर्विवाद रूप से हिन्दू मुस्लिम एकता का अनुपम आख्यान है। ट्रस्ट की सदस्य पूजा श्रीवास्तव ने कहा कि आजादी के लिए युवाओं ने कुर्बानी दिया लेकिन मौजूदा सरकारें शहीदों के सपने को चकनाचूर कर रही है। जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है,युवाओं के आगे आकर शहीदों के अरमानों को आगे ले चले।
मार्च में वरिष्ठ साहित्यकार स्वप्निल श्रीवास्तव, अखिलेश सिंह, जयप्रकाश श्रीवास्तव, पल्लन श्रीवास्तव, अजय बाबा, बालकिशन यादव, मालती तिवारी, अनिता यादव, रामसुरेश निषाद, रामरती, शेरबहादुर शेर, शिबधर द्विवेदी, मंजू श्रीवास्तव, शिखा श्रीवास्तव, रीना श्रीवास्तव, श्रेया श्रीवास्तव, कंचन सिंह, प्रतिष्ठा श्रीवास्तव, समृद्धि, प्रेम कुमारी, रजनीकांत, अर्चना पांडेय, फरहीन, शैलेन्द्र, सनी, गुफरान सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे।