◆ अधीक्षक सीएचसी मसौधा द्वारा गठित तीन चिकित्सकों के पैनल की जांच में हुई थी लापरवाही की पुष्टि
अयोध्या। सीएचसी मसौधा में बीते 3 जनवरी को एक महिला का प्रसव हुआ था। महिला द्वारा लड़के को जन्म दिया गया था। जन्म के समय परिजनों ने सीएचसी मसौधा की नर्स पर लापरवाही का आरोप लगाया था। नर्स द्वारा आरोप लगाया गया कि बच्चे के पिता तथा कुछ अन्य व्यक्तियों ने दबाव बना कर उससे 40 हजार रूपये यूपीआई के माध्यम से लिया था। जिसमें थाना पूराकलंदर में 4 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसमें शुक्रवार को बच्चे की मौत हो गई। जिसके बाद परिजन निजी चिकित्सालय के सामने शनिवार को रोने बिलखने लगे। मौके पर पहुंचकर सीओ ने मामले को शांत किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कौशलपुरी कालोनी निवासी रामपुकारे यादव ने बताया कि 3 जनवरी को वह अपनी पत्नी को प्रसव पीडा़ होने के कारण सीएचसी मसौधा गया। जहां स्टाफ नर्स अंकिता राय ने प्रसूता को देखने के बाद डिलेवरी कराने के लिए दूसरी नर्स आकांक्षा सिंह को बुलाया। उनका आरोप है लापरवाही से प्रसव कराया गया। जिस कारण इलाज के दौरान सिविल लाइन स्थित एक अस्पताल में शुक्रवार को बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा किया। जानकारी होने पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया । बच्चे के पिता ने नर्स के खिलाफ कारवाई के लिए सीओ सिटी को शिकायती पत्र दिया गया है।
मामले में बच्चे के रामपुकारे यादव सहित लवकुश पाण्डेय, सोनू व जसीम के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। नर्स अंकिता राय का आरोप था कि नार्मल डिलीवरी के बाद नवजात को सांस की दिक्कत की वजह से रिफर कर दिया गया था। जिसमें 24 जनवरी को नवजात के पिता अपने साथियों के साथ आए और डर दिखाकर गूगूल पे के माध्यम से चालीस हजार रुपये ले लिया। जिसमें थाने में रामपुकारे यादव, लवकुश पाण्डेय, सोनू व जसीम के खिलाफ एक फरवरी को रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
24 जनवरी को सीएचसी मसौधा अधीक्षक को शिकायती पत्र के आधार पर जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी। जांच रिपोर्ट के अनुसार अल्ट्रासाउन्ड रिपोर्ट के अनुसार प्रिमरी बरीच प्रेजेन्टेशन के साथ बच्चे की डिलीवरी कराई गई। डिलीवरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नहीं कराई जा सकती। इसमें जच्चा बच्चा के जान खतरा रहता है। सीएचसी अधीक्षक आशुतोष श्रीवास्तव ने बताया कि जांच उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। सीओ सिटी शैलेन्द्र सिंह का कहना है कि बच्चे के पिता ने प्रार्थना पत्र दिया है। नवजात को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है। पोस्टमार्टम के बाद विधिक कार्रवाई की जाएगी।