अयोध्या। भारत रत्न महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हिन्दी भाषा के प्राण राजर्षि पुरूषोत्तम दास टण्डन की जयन्ती के अवसर पर खत्री सभा अयोध्या-फैजाबाद में धारा रोड स्थित बाल साक्षरता केन्द्र स्कूल पर 100 बच्चों को शिक्षा सामग्री बांटकर व राजर्षि टण्डन के विचारों पर प्रकाश डालकर मनाया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद डा0 निर्मल खत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि राजर्षि पुरूषोत्तम दास टण्डन राष्ट्र के कर्मठसेवी हिन्दी के प्राण त्याग तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। राजर्षि ने हिन्दी को राष्ट्र भाषा का दर्जा दिलवाया तथा उन्हें 1961 में भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया वे महान देशभक्त थे। विशिष्ट अतिथि मीनू कपूर पूर्व प्रधानाचार्य आर्य कन्या इण्टर कालेज ने कहा कि राजर्षि पुरूषोत्तम दास टण्डन भारत के महान सपूत के साथ एक उच्च आदर्शवादी व देशभक्त थे। प्रान्तीय खत्री सभा के अध्यक्ष संजय महेन्द्रा ने अपने सम्बोधन में कहा कि राजर्षि टण्डन जी विद्यार्थी जीवन से ही कुशाग्र बुद्धि के साहित्य प्रेमी होने के साथ अनुपम त्याग, संयम, उदारता, सादगी से परिपूर्ण जीवन में भारतीय ऋषियों जैसी श्रृजुता थी। उनके द्वारा किये गये कार्यों को भूल पाना बहुत मुश्किल है। कार्यक्रम में सुलेख प्रतियोगिता में कक्षा तीन पाँच तक तीन छात्राओं प्रिया चौरसिया, आरूषी व अनुष्का को प्रथम स्थान लाने पर विशेष सम्मान उपहार देकर पुरस्कृत किया गया तथा अतिथियों द्वारा स्कूल में 100 गरीब छात्र-छात्राओं को टिपिन बाक्स, कापी, पेन्सिल, किताब, रबड़, कटर, पटरी, बिस्कुट, नमकीन आदि सामग्रियाँ वितरण की गयी। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सभा के संरक्षक आलोक मनचन्दा, सुनील कपूर, हरीश कुमार धवन, मीनू कपूर, कवीन्द्र साहनी, सचिन सरीन, सुप्रीत कपूर, निलिख टण्डन, अनुराग खन्ना, अरविन्द अरोड़ा, आलोक मनूचा, संजीव धवन, सलिल मनूचा, संजय टण्डन, सौरभ मेहरोत्रा, सुचिता भल्ला, पूनम मेहरोत्रा, कंचन साहनी, मयंक साहनी व स्कूल की प्रबन्धक अजय रानी शर्मा, दिव्या शर्मा, आरती गुप्ता, मंजरी सहित बड़ी संख्या में महिलायें व पुरूष उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अध्यक्ष संजय महेन्द्रा व संचालन कार्यक्रम संयोजक निलिख टण्डन ने किया। आये हुए लोगों का आभार सुप्रीत कपूर ने व्यक्त किया।