अयोध्या। किशोर व युवाओं में बढ़ते मोबाइल की लत व उसके मनो दुष्प्रभावों के प्रति सतत जागरूकता व लत छुड़ाने के मनोपरामर्श योगदान हेतु जिला चिकित्सालय के किशोर व युवा मनोपरामर्शदाता डॉ आलोक मनदर्शन को समाज दर्पण सम्मान से नवाजा गया है। दि आयुष्मान फाउंडेशन द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में डॉ मनदर्शन ने कहा कि डिजिटल नशे की लत किशोरों व युवाओं को अन्य मादक द्रव्य व्यसन की तरफ तो ले ही जा रही है साथ ही मनोसामाजि समस्याओं व अपचारी व्यवहार का भी प्रमुख कारण बन रही है। इन्ही वजहों से इंटरनेट की लत को अब डिजिटल ड्रग कहा जाने लगा है और डिजिटल डिटॉक्स ही इसका बचाव है। डॉ मनदर्शन ने कहा की यह सम्मान तेजी से उभरती इस मनोसामाजिक समस्या व उसके समाधान की अहमियत की सामाजिक मान्यता को दर्शाता है । समारोह में वरिष्ठ स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ मंजूषा पांडेय सहित समाजसेवी व प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।