अंबेडकर नगर। जनपद मुख्यालय स्थित बी.एन.के.बी. पी.जी.कॉलेज, अकबरपुर, के स्थापना दिवस से पूर्व वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘आरोह’ का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. सत्यप्रकाश त्रिपाठी, एसोसिएट एन.सी.सी.ऑफिसर विवेक तिवारी और आई.क्यू.ए.सी. के समन्यवक डॉ. शशांक मिश्र ने दीप प्रज्ज्वलन करके किया। इस अवसर पर प्रेषित अपने संदेश में महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. शुचिता पांडेय ने कहा कि ऐसे सांस्कतिक कार्यक्रमों से मन को विद्यार्थियों के अन्दर छुपी हुई प्रतिभा को दिखाने का मौका मिलता है। सांस्कृतिक कार्यक्रम सामाजिक, मानसिक और आत्मविश्वास का निर्माण करती है। विशिष्ट अतिथि के रूप में हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो.सत्यप्रकाश त्रिपाठी रहे। प्रो. त्रिपाठी ने अपने उद्धबोधन में कहा कि अब लोग स्थानीय स्तर पर अपने ही संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं।आधुनिकीकरण में हमारी गांव की संस्कृति व सभ्यता पर शहरीकरण का छाप पड़ने लगा है। लेकिन, इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम बच्चों व आम लोगों को लोक संस्कृति से जोड़ता है।’आरोह’ वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम में वाद विवाद, भाषण, निबन्ध, शायरी, स्टैंड अप कॉमेडी, एकल गीत, युगल गीत, सामूहिक गीत, एकल नृत्य, युगल नृत्य, सामूहिक नृत्य, वाल पेंटिंग, पोस्टर, रंगोली, मिमिक्री समेत 19प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। आयोजन के उद्घाटन दिवस पर शायरी और स्टैण्ड अप कॉमेडी का आयोजन हुआ। इस प्रतियोगिता में कुल 25 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। सृष्टि सिंह ने ‘मुझको मिटाने की वजहा ढूंढ़ते है वो, मगर उन्हें मालूम नहीं की/खुद के लिए एक नई सज़ा ढूंढ़ते है वो।’, मो. मुजफ्फर ने सितारे नोच कर ले जाऊंगा/मैं खाली हाथ घर जाने का नहीं/वबा फैली हुई है हर तरफ/ अभी माहौल मर जाने का नहीं’ जैसी मशहूर पंक्तियों को अपना स्वर दिया। निर्णायक के रूप डा. शशांक मिश्र, अमित कुमार और बृजेश कुमार रजक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन स्नातक तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थी सृष्टि सिंह और सौरभ तिवारी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के सांस्कृतिक सचिव वागीश शुक्ल ने किया। इस अवसर पर डॉ. शशांक मिश्र, अमित, आशीष कुमार चतुर्वेदी, बृजेश कुमार रजक, धनंजय मौर्य समेत महाविद्यालय के सभी शिक्षकगण, कर्मचारीगण, एन. सी. सी. के कैडेट, एन. एस. एस. के स्वयंसेवक और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।