अयोध्या। देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती पर कांग्रेस कार्यालय में गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता महानगर अध्यक्ष वेद सिंह कमल तथा संचालन जिला प्रवक्ता सुनील कृष्ण गौतम ने किया। महानगर अध्यक्ष वेद सिंह कमल ने कहा कि मौलाना आजाद कार्यकाल में ही देश के पहले आई आई टी, आई आई एस सी और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना हुई। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतों का समर्थन करते थे। वे 1923 में भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे और 35 साल की उम्र में कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष बनने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे।
पूर्व जिला अध्यक्ष राजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा अबुल कलाम आज़ाद एक उत्कृष्ट वक्ता, पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ और शिक्षाविद् थे। अबुल कलाम आज़ाद ने वर्ष 1912 में उर्दू में अल-हिलाल नामक एक साप्ताहिक पत्रिका जारी की, अंग्रेज़ी सरकार ने 1914 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद उन्होंने ’अल-बलाग़’ नाम से दूसरा अख़बार जारी किया।
जिला प्रवक्ता सुनील कृष्ण गौतम ने कहा भारत रत्न से सम्मानित मौलाना आजाद ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया और साथ ही उनके कार्यकाल में विभिन्न साहित्य अकादमी, ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी का गठन हुआ। इसके साथ ही उनके ही कार्यकाल में सांस्कृतिक संबंध परिषद भी स्थापित हुआ।
गोष्ठी से पूर्व उनके चित्र पर मार्ल्यापर्ण कर कांग्रेसियों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। मौके पर प्रमुख रूप से अशोक कनौजिया, प्रवीण श्रीवास्तव, मोहम्मद आरिफ, रामेंद्र मोहन त्रिपाठी, बसंत मिश्रा, पंकज सिंह, उमेश उपाध्याय, सुरेंद्र प्रताप सिंह सैनिक आदि उपस्थित रहे।