◆ रामोत्सव में विजयशंकर विश्वकर्मा के भजनों की प्रस्तुति पर मंत्रमुग्ध हुए भक्त
◆ सुनिशा श्रीवास्तव ने भजन व लोकगायन की किया मिश्रित प्रस्तुति
अयोध्या। भजन संध्या स्थल पर आयोजित रामोत्सव में गोरखपुर से पधारे संगीत की कई विधाओं में पारंगत विजय शंकर विश्व कर्मा ने अपनी प्रस्तुति कइला कइला हरि भजनवा कइला प्रभु की सुमिरनवा बोला जयसियाराम तथा केवट बोलल रामचंद्र से हाथ जोड़ अस बानी ए बाबू राउर मरम हम जानी , मिथिला नगरिया में फइलल खबरिया हो मिलबा भइले ,जनम लिये रघुरइया अवध मा बाजे बधैया हो जैसे भक्ति भाव के भजनों से खासा प्रभाव छोड़ा।
दूसरी प्रस्तुति लता जी के लगातार 92 गीतों को 23 मिनटों में गाकर विश्व रिकॉर्ड बना कर सुर्खियों में आईं कलाकार सुनिशा श्रीवास्तव की रही। सुनिशा ने भजन व लोकगायन द्वारा राम जी को अपनी प्रस्तुति समर्पित की, जिसमें गणपति वंदना से प्रारंभ प्रमुख भजन सीताराम जी की प्यारी राजधानी लागे, ये चमक ये दमक, आये रघुनंदन सजवा दो द्वार द्वार व मैं कहां बिठाऊं राम कुटिया छोटी सी ने श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी।
तीसरी प्रस्तुति शिवांग बाल्हेकर ने दी। बाल्हेकर ने ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन, जहां जहां प्रभु का स्थल वहां वहां मैं जाऊं, मेरे मन में राम तन में राम, कभी कभी भगवान को भी भक्तों से काम पड़े व धोना था मन भूल गया तू जैसे भजनों से आस्था निवेदित की। कार्यक्रम का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता विश्व प्रकाश रुपन ने किया। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिशासी कमलेश कुमार पाठक, कार्यक्रम व्यवस्थापक वैभव मिश्र, अमित कुमार, गोमती प्रसाद, जितेन्द्र शर्मा, सूरज,देवलाल, अर्चना पाल, विनोद, गोपाल गोस्वामी, कीर्ति बाजपेई ,अजीत उपाध्याय, दिलीप कुमार व संतलाल मौजूद रहे।