अयोध्या। केंद्रीय बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और मनरेगा के लिए की गई कटौती, हिंडनबर्ग रिसर्च के खुलासे के आधार पर अडानी समूह के घपलों घोटालों की जांच संयुक्त संसदीय समिति द्वारा कराए जाने और उत्तर प्रदेश में बसों, टेम्पो, टैक्सियों के भाड़े में की गई वृद्धि वापस लेने की मांग को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने जिला सचिव अशोक कुमार तिवारी के नेतृत्व में शहर के तिकोनिया पार्क में विरोध प्रदर्शन आयोजित कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन मजिस्ट्रेट को सौंपा।
ज्ञापन के माध्यम से केंद्रीय बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा तथा समाज कल्याण के लिए आवंटन बढ़ाए जाने, कृषि के लिए बजट आवंटन घटाकर मात्र 8500 करोड़ कर दिया गया है। जिसे बढ़ाकर किसानों के सभी कर्ज माफ करने का प्राविधान करने, मनरेगा में कटौती न किए जाने, युवाओं के रोजगार गारंटी योजना लागू करने तथा उत्तर प्रदेश में बसों, टैक्सियों, टेम्पो के भाड़े में की गई अत्यधिक वृद्धि वापस लेने की मांग की गई हैं। जिला सचिव अशोक तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा पेश केंद्रीय बजट पूरी तरह जनविरोधी है। इसमें गरीबों को कोई राहत नहीं दी गई है। जनता मंहगाई और बेरोज़गारी से त्रस्त है। मनरेगा में कटौती करके ग्रामीण रोजगार को प्रभावित किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ पूंजीपतियों के लिए खजाने का मुंह खोल दिया गया है। मोदी सरकार द्वारा अपने मित्र अडानी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। यहां तक कि अडानी से सम्बन्धित प्रश्नों को संसद की कार्रवाई से ही निकाल दिया गया। सहायक जिला मंत्री शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जनता के परेशानियों की परवाह न करते हुए बसों के किराए अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी कर दी। इसका जवाब जनता आने वाले समय में देने के लिए तैयार है।