◆ कब्रिस्तान व तालाब सहित सार्वजनिक जमीनें कराई गईं खाली, नगर पंचायत अध्यक्ष बोले—जनहित में होगा उपयोग
बसखारी, अंबेडकर नगर। नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ जिला प्रशासन और नगर पंचायत प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में बुधवार को बड़ी कार्यवाही की गई। तालाब, बंजर, कब्रिस्तान और अन्य सार्वजनिक जमीनों पर हुए कब्जों को बुलडोजर चलाकर हटाया गया। प्रशासन की इस सख्ती से अवैध कब्जेदारों में हड़कंप मच गया है। यह कार्रवाई किछौछा, बसखारी समेत कई इलाकों में की गई, जिसमें भारी पुलिस बल की मौजूदगी में दबंगों द्वारा कब्जाई गई जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। अधिकारियों ने बताया कि यह मुहिम आगे भी जारी रहेगी और अतिक्रमण व अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।
नगर पंचायत अध्यक्ष ओमकार गुप्ता के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई को लेकर एक ओर जहां प्रशंसा हो रही है, वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों द्वारा उन्हें “प्रदेश का दूसरा योगी” बताया जा रहा है। चुनाव जीतने के बाद अध्यक्ष को तोहफे में मिले बुलडोजर के मोमेंटो की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं। बताते चलें कि ओमकार गुप्ता के नगर पंचायत अध्यक्ष बनने के बाद से ही वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तर्ज पर अतिक्रमण के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए हैं। बीते 8 अप्रैल को भी कब्रिस्तान व अन्य सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासनिक कार्रवाई की गई थी। कब्जाधारियों को पहले लाउडस्पीकर और नोटिस के जरिए चेतावनी दी गई थी, बावजूद इसके 30–40 लोगों ने कब्जा नहीं हटाया, जिसके बाद यह कड़ा कदम उठाया गया। नगर पंचायत अध्यक्ष ओमकार गुप्ता ने बताया कि सरकार के निर्देशों के अनुसार अवैध कब्जों को हटाया गया है। अतिक्रमणमुक्त कराई गई जमीनों पर नगर पंचायत द्वारा खेल मैदान, वेडिंग जोन, ओपन जिम व दुकानों जैसे जनहितकारी निर्माण कार्यों की योजना बनाई जा रही है। इस बड़ी कार्रवाई के दौरान तहसीलदार टांडा निखिलेश कुमार, नायब तहसीलदार अमरीश सिंह, राजस्व निरीक्षक रामनारायण, अधिशासी अधिकारी संजय जैसवार, लिपिक अभिषेक यादव और बसखारी थाना प्रभारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद रहे। तहसीलदार निखिलेश कुमार ने बताया कि यह अभियान लगातार जारी रहेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार कब्रिस्तान की नवैयत (प्राकृतिक स्वरूप) में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है, बल्कि कब्जाधारी भूमियों को खाली कराया गया है। स्थाई कब्जा करने वालों के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज कराया जा रहा है। प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई से जहां आम जनता में राहत की भावना है, वहीं अतिक्रमणकारियों के लिए यह कड़ा संदेश भी है कि अब सार्वजनिक जमीनों पर कब्जा कर पाना आसान नहीं होगा।