2 मई को हुए फर्जी बैनामा में पुलिस एक को गिरफ्तार करके भेज चुकी है जेल
मौत के आठ माह बाद व्यक्ति के नाम से हुआ बैनामा, 26 जुलाई को दर्ज हुआ है मुकदमा
अयोध्या। फर्जी बैनामा का एक मुकदमा 2 मई को पांच नामजद के खिलाफ कोतवाली अयोध्या में दर्ज हुआ था। पुलिस अभी मामले की जांच ही कर रही थी कि 26 जुलाई को मुर्दे द्वारा बैनामा किये जाने मुकदमा भी इसी कोतवाली में दर्ज हो गया। अबकी बार दर्ज मुकदमें खास बात यह है कि सब रजिस्ट्रार को भी आरोपी बनाया गया है। अयोध्या में इस समय जमीनों की कीमतें काफी बढ़ी है। जिससे हर कोई यहां जमीन खरीदना चाहता है। जिसका फायदा जालसाज उठा रहे है। वहीं इस तरह के और प्रकरण सामने आने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
तिहुरा मांझा के रहने वाले आशाराम ने अपनी तहरीर में कहा है कि उसके पिता रामप्रसाद की मौत 14-6-2022 को हो गयी थी। जिसके बाद उनके कानूनी वारिस के रुप में आशाराम व केशवराम के नाम जमीन नायब तहसीलदार के आदेश से 26-8-2022 को दर्ज हुई। इस भूमि का कूटरचित बैनामा उपनिबंधक सदर संजय कुमार की मिलीभगत से अजय पुत्र रामअंजोर ने 11-01-2023 को करा लिया। जिसमें गवाह सुरेन्द्र सिंह व रामअनुज वर्मा है। उनका आरोप है कि इसमें उपनिबन्धक सदर संजय कुमार यादव की भूमिका साफ साफ दिखाई देती है। पुलिस ने मामले में अजय, सुरेन्द्र सिंह, रामअनुज वर्मा व संजय कुमार उपनिबन्धक सदर के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया है। यह मुकदमा एसएसपी के आदेश पर दर्ज हुआ है।
वहीं इससे पहले 2 मई को अमित कुमार अग्रवाल ने कोतवाली अयोध्या में फर्जी तरीके से बैनामा कराने तथा इसके बाद दिये चेक बाउन्स होने पर राम सिंह, बृजेश कुमार, राम अनुज वर्मा, अनिल कुमार दास व एकादशी के खिलाफ दर्ज कराया था। इस मुकदमें में पुलिस अनुज वर्मा पुत्र रामनाथ वर्मा को गिरफ्तार कर चुकी है। अनुज वर्मा ने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि यह लोग गरीब व्यक्ति को लालच देकर फर्जी कागजात तैयार कराते है। उसकी मद्द से जमीन का बैनामा कराकर पैसा अपने खाते में भेज लेते है।
मामले पर प्रभारी निरीक्षक अयोध्या का कहना है कि उपनिबन्धक के उपर दर्ज मुकदमें में अभी जांच चल रही है। सभी कागज को देखने के बाद पता चलेगा कि दोषी कौन है। अभी मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।