अयोध्या। अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में गुरुवार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बढ़ते साइबर अपराध विषयक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य वक्ता वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के साइबर क्लब के नोडल अधिकारी एवं जनसंचार विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ0 दिग्विजय सिंह राठौर रहे।
उन्होंने नए दौर में हो रहे साइबर अपराधों पर चर्चा करते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस साइबर अपराधियों के लिए एक नया हथियार बन गया है, आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर साइबर अपराधी डीप फेक वीडियो, ऑडियो और फोटो का प्रयोग कर धोखाधड़ी कर रहे हैं। अगर इमरजेंसी में आपके किसी मित्र या रिश्तेदार की वीडियो कॉल या फोन आये और तुरंत पैसे की मांग हो तो सावधान हो जाइए। अपने करीबी को फोन मिलाकर इसकी पुष्टि जरूर करें। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधियों द्वारा किए जा रहे वित्तीय फ्रॉड में वह फोन पर आपको उलझाते हैं और तुरंत धनराशि ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार साइबर अपराधियों पर निरंतर शिकंजा करने का काम कर रही है लेकिन दिन प्रतिदिन बढ़ते मामले चिंताजनक है। इंटरनेट और मोबाइल का प्रयोग करने वाले हर उपभोक्ता साइबर अपराधियों के निशाने पर है। उन्होंने कहा कि वित्तीय फ्रॉड होने पर तत्काल भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करना चाहिए। समय रहते शिकायत दर्ज करने पर साइबर अपराधी के खाते में धोखाधड़ी से प्राप्त की गई धनराशि और खाता सीज कर दिया जाता है और फिर पुलिस प्रक्रिया करके वापस लौटाने में मदद करती है।
कार्यक्रम में एमसीजे समन्वयक डॉ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी ने बताया कि इस तकनीकी युग में हम सभी के समक्ष कई चुनौतियां है। सभी लोगों को अपनी डिजिटल लिमिट तय करनी होगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बचने के लिए सतकर्ता बहुत जरूरी है। कार्यक्रम में विभाग के शिक्षक डॉ0 आरएन पाण्डेय एवं डॉ0 अनिल कुमार विश्वा द्वारा अतिथि का स्वागत अंगवस्त्रम भेटकर किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 चतुर्वेदी ने किया। इस अवसर काजल, कल्यानी यामिनी, कामिनी, वरूण, एकता, श्रिया, पवन, तन्या, सौरभ, गरिमा, पलक, अनुश्री, दिवाकर, इमरान, ग्रेसी, गार्गी, सुधाशु सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।