कुमारगंज, अयोध्या। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर सौ शैय्या संयुक्त चिकित्सालय कुमारगंज के सीएमएस डॉ अनिल कुमार ने कहा कि कार्य स्थान इंसानी जीवन को काफी प्रभावित करता है। जीवन में कार्य एवं कार्य का स्थान काफी महत्वपूर्ण है। किसी भी इंसान के जीवन का अधिकतर भाग कार्य स्थान पर व्यतीत होता है। वहां खराब वातावरण से मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालता है, जिससे तनाव और बेचैनी से लोगों को मानसिक रोग घेर लेते हैं। ऐसे में प्रभावित व्यक्ति की उसके कार्य स्थान पर अनुपस्थिति बढ़ती है और उसके कार्य की गति कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि क्षमता के अनुसार ही कार्य करना चाहिए जितना हो सके तनाव रहित होकर कार्य करें। अगर काम अधिक है तो उसे आपस में बांट लेना चाहिए। किसी भी वस्तु को अपने जीवन से अधिक महत्वपूर्ण न समझें। इस बार विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की टैग लाइन आज ही कार्यस्थल पर अपने मानसिक स्वास्थ्य का प्रथमिकता देना शुरू करें। डॉ प्रवीण बरनवाल ने कहा कि कार्यस्थल पर अनावश्यक खींचतान, शोषण, एक-दूसरे की सहायता एवं वार्तालाप में कमी, कार्य की अवधि में कोई लचीलापन न होना, उद्देश्यहीन कार्य मानसिक स्वास्थ्य को पूरी तरह से प्रभावित करते हैं इसलिए आवश्यक है कि काम करने वाले आवश्यक वार्तालाप के साथ-साथ निर्णय लेने में कर्मचारियों की भी सहभागिता और सहयोग समय-समय पर हो। सीएमएस डॉ अनिल कुमार ने बताया कि इधर कुछ माह से दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ी है महिलाओं, किशोरियों, बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ी हैं यह भी मानसिक रोगी के लक्षण है। उन्होंने कहा कि मानसिक रोगियों का इलाज जिला अस्पताल के अलावा अन्य अस्पतालों में भी किए जाते हैं। अगर किसी के घर में कोई मानसिक रोगी है तो उसका इलाज समय से कराएं नहीं तो वह बड़ी बीमारी का रूप ले लेता हैं और पूरा परिवार परेशान हो जाता हैं।
इस मौके पर डा अरविंद मौर्या, डा तनुज, डा विकास यादव, शैलेन्द्र कुमार सिंह, राकेश गुप्ता, विजय बहादुर, मो आमीन, सहित अस्पताल के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।