जलालपुर अंबेडकर नगर। अभी लेखपाल का घूस लेने का मामला थमा ही नही था कि इसी बीच उक्त लेखपाल एक और कारनामा सामने आया है। जहाँ न्यायालीय आदेश को दर किनार कर लेखपाल और कानूनगो की मिलीभगत से पंजीकृत वसीयत के अनुसार खतौनी में नामांतरण के बजाय दूसरे के नाम वरासत कर देने का मामला आ गया है।प्रकरण संज्ञान में आने के बाद तहसीलदार ने लेखपाल और कानूनगो के विरुद्ध जांच का आदेश दिया है।मामला तहसील के भियांव ब्लॉक रामगढ़ अंगराघाट गांव का है। गांव निवासिनी लखराजी देवी ने मृत्यु से पूर्व अपने पोते संजय कुमार के नाम पंजीकृत वसीयत कर दिया था। दादी की मौत के बाद संजय कुमार ने नायब तहसीलदार अदालत में दादी के वसीयत के अनुसार जमीन अपने नाम करने का वाद दायर किया।दायर मुकदमा में कोई आपत्ति दाखिल नही थी। गवाहों और हल्का लेखपाल के बयान के बाद अदालत ने 20 दिसंबर 23 को मृतका लाखराजी की संपत्ति पोते के नाम दर्ज करने का आदेश पारित कर दिया।इधर न्यायालय के आदेश पर लिपिक नामांतरण की प्रक्रिया कर रहा था उधर लेखपाल और कानूनगो ने अदालत के आदेश को धता बताते हुए नियम विरुद्ध वरासत दर्ज कर लिया।नकल खतौनी पर वसीयत के आदेश के बजाय वरासत द्वारा नामांतरण होने से व्यथित पीड़ित संजय कुमार ने उपजिलाधिकारी को शिकायती पत्र दिया और लेखपाल और कानूनगो पर मिलीभगत का आरोप लगाकर फर्जीवाड़ा किए जाने का आरोप लगाया। नायब तहसीलदार हुबलाल ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में है। जांच कर कार्यवाही की जा रही है।