अयोध्या। कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने वक्फ कानून में संशोधन पर पार्टी कार्यालय पर बैठक की। बैठक में पूर्व जिलाध्यक्ष राजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा हमारा भारतीय संविधान अनुच्छेद 29 के तहत अल्पसंख्यकों को उनकी संस्कृति, शिक्षा और संपत्ति की सुरक्षा की गारंटी देता है। यह एक ऐसा मौलिक अधिकार है, जो हमें हमारे धर्म और पहचान के साथ जीने का अधिकार देता है। लेकिन नया वक्फ बोर्ड बिल इस संवैधानिक अधिकार का खुला उल्लंघन करता है।
जिला प्रवक्ता सुनील कृष्णा गौतम ने कहा कि सरकार वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता पर हमला कर रही। जब सिख और ईसाई समुदायों के बोर्ड में किसी अन्य धर्म के व्यक्ति को सदस्य बनने की अनुमति नहीं है, तो फिर वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को अनिवार्य रूप से शामिल करने का क्या औचित्य है? यह स्पष्ट रूप से वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को कमजोर करने की कोशिश है। इसके अलावा, वक्फ बोर्ड के मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति भी सरकार द्वारा की जाएगी, जिससे वक्फ बोर्ड पूरी तरह सरकारी नियंत्रण में आ जाएगा।
अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मोहम्मद आमिर ने कहा इस संशोधन से वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा खतरे में है। इस नए कानून के अनुसार, कोई भी संपत्ति तभी वक्फ की मानी जाएगी, जब वह विवादित न हो। यदि कोई व्यक्ति किसी वक्फ संपत्ति पर दावा कर दे या उसे विवादित घोषित कर दे, तो वह संपत्ति वक्फ बोर्ड की नहीं रहेगी, जब तक कि उसकी जांच पूरी न हो जाए। और ध्यान देने वाली बात यह है कि इस जांच की कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। इस अवसर पर विजय श्रीवास्तव, मोहम्मद चांद शोएब अदीब अहमद शोएब अख्तर शेर मोहम्मद सदीक अफजल आमिर उपस्थित रहे।