अयोध्या। राम नगरी अयोध्या में श्री रामलला के मंदिर निर्माण काम तेजी से जारी है। तो वही अब अयोध्या में एक और प्राचीन विरासत को नई पहचान मिली है। काफी समय से वीरान पड़े अयोध्या मणि पर्वत के पीछे स्थित गणेश कुंड के जीर्णोद्धार के बाद स्थानीय निवासियों द्वारा नित्य आरती की परंपरा शुरू की गयी है।
आरती परंपरा का आरंभ गणेश कुंड पर धार्मिक अनुष्ठानव वेद मंत्रों का ध्वनि के मध्य किया गया। अनुष्ठान मे महापौर गिरीश पति त्रिपाठी और नगर आयुक्त विशाल सिंह शामिल हुए। उन्होंने स्थानीय नागरिकों के साथ गणेश कुंड की आरती की। गणेश कुंड की आरती परंपरा की नई शुरुआत हुई। स्थानीय लोगों की समिति का गठन किया जाएगा। समिति के द्वारा प्रतिदिन आरती का आयोजन होगा।
अयोध्या नगर निगम के नगर आयुक्त विशाल सिंह ने बताया कि अयोध्या के प्राचीन और ऐतिहासिक कुंड को उसकी पौराणिकता को वापस दिलाने का प्रयास है। जिसमें अयोध्या के अन्य कुंडों को भी सौंदरीकरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्राचीन और ऐतिहासिक कुंडों की परंपरागत रूप से आरती पूजन होंगी। गणेश कुण्ड पर भी श्रृद्धालु आएं ऐसी व्यवस्था की जाएगी। आधुनिक सुविधाओं में यहां दिशा सूचक बोर्ड, पानी की सुविधा, फव्वौरा तथा लाइटों का प्रबंधक किया जाएगा।