जलालपुर अंबेडकरनगर। पीडिता की पुलिस द्वारा सुनवाई न किये जाने से दर दर भटकने को मजबूर है। पिटाई से घायल महिला बीते 3 दिन से थाने का परिक्रमा कर रही है। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर पुलिस ने पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा तो दर्ज कर लिया किंतु उसकी मूल तहरीर जबरिया बदलवा दी गई। शनिवार को समाधान दिवस में पुलिस अधीक्षक के आने की सूचना पर चोटहिल महिला थाने पर बैठी थी तब कहीं जाकर महिला थानाध्यक्ष ने उसके घर पुलिस भेजने की बात कह उसे घर भेज दिया गया।प्रकरण मालीपुर थाना के खजुरी करौदी गांव का है।बीते 12 अक्तूबर शाम को शांति गुप्ता और देवरानी ज्योति में किसी बात को लेकर विवाद शुरू हो गया। दोनों देवरानी जेठानी एक दूसरे पर गाली गलौज देते हुए हाथापाई शुरू कर लिया। इसी बीच पहुंचा ज्योति का पति श्याम बहादुर, ससुर, सास रामपत्ती तथा ज्योति का भाई अजय कुमार अपने दो तीन अज्ञात साथियों के साथ धारदार हथियार व डंडे से पिटाई शुरू कर दिया।जिससे महिला को गंभीर चोटे आयी घटना के बाद पीड़िता शाम को ही थाना पर पहुँच तहरीर दिया। मुकदमा दर्ज करने की बात छोड़िए पुलिस घर तक नहीं गई ।इस बीच दबंग देवर और देवरानी तथा उसका भाई घर छोड़कर भाग गए। 13 अक्टूबर को महिला थाना आई जहां पुलिस पर आरोप लगाया।पीड़िता ने बताया कि पुलिस ने पूरी तहरीर जबरिया बदलवा दिया तब जाकर कही तहरीर के आधार पर मारपीट की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया। पीड़िता ने कहा कि पुलिस विपक्षियों के प्रभाव में काम कर रही है ।उससे मिली भगत कर मेरा केस हल्का कर दिया। मेरी तहरीर जबरदस्ती बदलवा दी गई। आज पुलिस अधीक्षक आने वाले थे उन्होंने बुलाया था। किंतु मुझे यहां से घर जाने के लिए मजबूर कर दिया गया। यहां की महिला थाना अध्यक्ष प्रियंका पांडे मुकदमा तक दर्ज करने के लिए तैयार नहीं थी ।पुलिस अधीक्षक के आदेश पर तहरीर बदलवाकर मुकदमा दर्ज कर लिया गया जो मेरे साथ अन्याय है।