Tuesday, September 24, 2024
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खुले घूम रहे है खनन अधिकारी पर हमला करने के आरोपी


◆ कार्रवाई के माध्यम से अभी तक नहीं दिया गया खनन माफिया को कड़ा संदेश


अयोध्या । जिला खनन अधिकारी पर हमला करने के आरोपी खुले घूम रहे है। घटना को कई दिन बीत गए है। पुलिस केवल एक आरोपी को गिरफ्तार कर पाई है। जिला स्तर के अधिकारी के साथ हुई इतनी बड़ी घटना को हल्के में लिया जा रहा है। घटना से सबक लेते हुए पुलिस ने खनन माफिया के खिलाफ कोई व्यापक अभियान नही चलाया। थाना कैंट इलाके का जमथरा व कोतवाली अयोध्या इलाके का तिहुरा बरेहटा अवैध खनन का केंद्र बना हुआ है। जहां खनन माफिया का मनोबल बढ़ा है।

    जिला खनन अधिकारी डॉ दीपक पर 24 नवंबर को जानलेवा हमला हुआ था। खनन माफिया ने उनके वाहन में टक्कर मार दी थी। डा दीपक पर गाड़ी चढ़ने का प्रयास किया गया था। मौके पर पहुंची पुलिस ने टैक्टर चालक को गिरफ्तार कर लिया था। जिसमें दो नामजद व आठ से दस अज्ञात के खिलाफ गम्भीर धाराओं में रिर्पोट दर्ज हुई। इससे पहले 23 जून को डा दीपक के बच्चे के अपहरण का प्रयास हुआ। जिसमें लखनऊ के रहने वाले तीन व्यक्तियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई। पुलिस ने तीनों को मौके से गिरफ्तार कर लिया था। 12 जून को कलेक्ट्रेट स्थित जिला खनन अधिकारी के कार्यालय में काम करने के दौरान उन्होंने एक व्यक्ति पर धमकी देने का आरोप लगाया था। जिसका कारण हरीपुर जलालबाद में अवैध रुप डम्प की गई बालू थी।


शहर में निर्माण कार्य चलने की वजह से बढ़ी बालू की डिमांड


जुड़वा शहर में सरकारी योजनाओं के तहत निर्माण कार्य चल रहा है। जिसकी वजह से बालू की डिमांड काफी बढ़ गयी है। शहर के सटे सरयू नदी के तटीय इलाके अवैध खनन केन्द्र बन गये है। यहां की बालू सस्ती पड़ती है। शहर से काफी दूर स्थित पट्टे की जगह की बालू महंगी होती है। इसमें आने जाने का खर्च भी जुड़ जाता है। अत्याधिक कमाई होने के कारण यहां होने वाले खनन विवाद का कारण बनता रहता है। खनन को बड़े पैमाने पर संरक्षण भी प्राप्त रहता है।


पुलिस व खनन विभाग में रहती है समन्वय की कमी


पुलिस व खनन विभाग में समन्वय की कमी रहती है। अवैध खनन के खिलाफ पुलिस व खनन विभाग का संयुक्त अभियान कम ही चलता है। समन्वय न होने का सबसे ज्यादा असर मांझा क्षेत्र में होता है। अगर खनन विभाग की टीम मौके पर पहुंचती है। यहां अगर विवाद की स्थिति होती है। तो पुलिस चाहकर भी समय से नहीं पहुंच सकती है। क्योंकि मांझा क्षेत्र में खनन स्थल की लोकेशन खोजना कठिन होता है।

जमथरा व तिहुरा बरेहटा में सबसे ज्यादा अवैध खनन होता है। तिहुरा बरेहटा में रात में ट्रैक्टर ट्राली से खनन किया जाता है। खनन विभाग ने इसमें कड़ी कार्रवाई की है। पिछले पांच वर्षो में 15 से 20 लाख राजस्व मिलता था। इस वर्ष में 8 महीने के दौरान 1 करोड़ 25 लाख के राजस्व की वसूली की गई है। जिसमें 6 प्रकरणों में मुकदमा किया गया। 220 वाहन पकड़े गये।

– डा दीपक, जिला खनन अधिकारी

शैलेन्द्र सिंह क्षेत्राधिकारी नगर ने शुक्रवार को बताया कि जिला खनन अधिकारी पर हुए हमले के आरोप में एक जेल चला गया है। खनन अधिकारी का मेडिकल व सीटी स्कैन हुआ है। जिसकी रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। जमथरा में अवैध खनन पर रोक लगा दी गई है। रात तीन से चार बजे तक खनन की सूचना मिल रही थी।

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