आलापुर अंबेडकरनगर। आलापुर तहसील क्षेत्र अंतर्गत सरायहंकार में स्थित पिकिया नदी पर पुल न होने से आज भी लोग नाव के सहारे आने जानें को विवश है। चुनाव के समय नेता आते हैं और कोरा आश्वाशन देकर चले जाते है। सिंगल पट्टी बाजार से होते हुए सैथुआ कमालपुर पिकार आदि दर्जनों गांव का एकमात्र रास्ता कम्हारिया से होकर गोरखपुर जाता है। जो बरसात के दिनों में नाव से पैदल या साइकिल से ही आ जा सकते हैं। दो पहिया वाहन का आना जाना सूखे के दिनों में ही संभव है। पुल न होने के चलते बरसात के दिनों में लोगों को कम्हारिया घाट पहुंचने के लिए 20 से 30 किलोमीटर की ज्यादा दूरी तय करनी पड़ती है। कुछ दिनों पूर्व एक पार्टी और कुछ समाजसेवी संस्थाओं ने इस पर पुल बनाने के लिए धरना प्रदर्शन किया था। मौके पर कुछ जिम्मेदार अधिकारी भी आए थे जो कि आश्वासन दिए थे, लेकिन उस आश्वासन का और उन समाजसेवियों के धरना का कोई भी असर नहीं पड़ा। जब चुनाव आता है तब कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इस पर पुल बनाने का ध्यान आता है, लेकिन जैसे ही चुनाव बीत जाता है उनका मंतव्य पूरा हो जाता है, तो लोग उस धरने को या उनके किए गए प्रयास को लोग भूल जाते हैं। स्थानीय ग्रामीणों की उम्मीद रहती है कि आने वाली सरकार उनकी समस्याओं को सुनेगी। दिन भर में सैकड़ों लोग पैदल या साइकिल से आते जाते हैं। कमालपुर निवासी जनार्दन तिवारी, धर्मजीत तिवारी, अंकित, आलोक, विनय, आदि लोगों ने बताया कि स्थानीय विधायक, सांसद ने भी आश्वासन दिया था कि पुल जल्द ही निर्माण हो जाएगी, लेकिन लोग आते हैं लोग कह देते हैं उसके बाद उसको भूल जाते हैं। कभी भी इस पर विचार करने का कोई भी नेता जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दिया। स्थानीय ग्रामीणों ने अतिशीघ्र पुल बनवाने की मांग की है।