मिल्कीपुर, अयोध्या। जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय के प्राइवेट कर्मी की करतूतों का खामियाजा अब गरीब कार्ड धारकों को भुगतना पड़ रहा है। जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर पद पर कार्य कर रहे एक प्राइवेट कर्मी की करतूतों से परेशान होकर पात्र गृहस्थी कार्ड धारक ने मुख्यमंत्री से शिकायत किया है। कार्डधारक ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र देते हुए आरोप लगाया कि बिना किसी आदेश व निर्देश के पात्र गृहस्थी योजना उसका राशन कार्ड प्राइवेट कर्मियों द्वारा काट दिया गया है। हालांकि पूर्ति निरीक्षक मिल्कीपुर द्वारा पीड़ित का राशन कार्ड काटे जाने के संबंध में गलती स्वीकार करते हुए फिर से राशन कार्ड जारी किए जाने का भरोसा दिलाया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मिल्कीपुर ब्लाक क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत तेन्धा निवासी भवानी प्रसाद की पत्नी आशा के नाम पात्र गृहस्थी योजना के तहत 6 यूनिट का राशन कार्ड काफी समय पूर्व बना हुआ था। जिसके आधार पर वह प्रतिमाह खाद्यान्न सहित अन्य सामग्री उचित दर विक्रेता की दुकान से प्राप्त कर रहे थे। किंतु इसी फरवरी माह में आशा पत्नी भवानी प्रसाद का कार्ड बिना किसी आदेश निर्देश के गांव सभा की पात्र गृहस्थी राशन कार्ड सूची से हटा दिया गया। यही नहीं और भी आधा दर्जन लोगों के राशन कार्ड काट दिए गए हैं। कार्ड धारक ने प्रदेश के मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी शिकायत प्रणाली का सहारा लिया और शिकायत कर आरोप लगाया कि डीएसओ कार्यालय अयोध्या में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर एक प्राइवेट कर्मी शालिक राम यादव काम करता है। जो लोगों से सुविधा शुल्क लेकर किसी न किसी ग्राम पंचायत के राशन कार्ड धारक का राशन कार्ड काट देता है और उनका नाम फीड कर देता है। प्राइवेट कर्मी के इस खेल का खामियाजा अब गरीब एवं पात्र राशन कार्ड धारक भुगत रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पूर्ति निरीक्षक मिल्कीपुर मुईद खान का कहना है कि गलती से उक्त राशन कार्ड कट गया, फिलहाल जल्दी ही फिर से कार्ड धारक का राशन कार्ड पात्र गृहस्थी में फीड करा दिया जाएगा। उन्होंने आईडी, पासवर्ड और डिजिटल प्राइवेट कर्मी के पास होने के संबंध में बताया कि मेरे द्वारा फिलहाल अपना डिजिटल, आईडी और पासवर्ड ले लिया गया है। कमोबेश यही स्थिति हर ग्राम पंचायत में देखने को मिल रही है, जहां बिना किसी आदेश निर्देश के पात्र एवं गरीब लोगों का नाम राशन कार्ड सूची से खारिज कर दिया जा रहा है। जिसके चलते संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायतों का अंबार लगा रहता है।