Saturday, September 21, 2024
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अवध विश्वविद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित

अयोध्या। अवध विश्वविद्यालय के पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर ‘श्रद्धांजलि सभा’ एवं ‘पंडित दीनदयाल उपाध्यायः जीवन एवं व्यक्तित्व’ विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पं0 दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ के समन्वयक तथा कला एवं मानविकी संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो0 आशुतोष सिन्हा ने बताया कि पंडित दीनदयाल एक उत्कृष्ट विचारक, श्रेष्ठ संगठनकर्ता एवं एक असाधारण व्यक्तित्व के स्वामी थे जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन राष्ट्रभक्ति एवं भारतीय संस्कृति एवं दर्शन के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। प्रो. सिन्हा ने बताया कि पंडित जी ने जीवन में आने वाली सभी चुनौतियों का अत्यंत धैर्य एवं साहस से सामना किया एवं एकात्म मानववाद का विलक्षण संदेश जाग्रत किया। जिसमें मानव की समस्त समस्याओं का समाधान अंतर्निहित है। उन्होंने बताया कि भारत को विश्वगुरु के रूप में पुर्नस्थापित होना है तो पंडित दीनदयाल के बताए मार्ग पर चलने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता पूर्व विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. आर0के0 तिवारी ने पंडित दीनदयाल की वर्तमान में प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए छात्र-छात्राओं से पंडित दीनदयाल सहित अन्य महापुरुषों के जीवन एवं व्यक्तित्व से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विभागाध्यक्ष प्रो0 विनोद कुमार श्रीवास्तव ने पंडित जी के समाज के वंचित वर्ग को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने तथा आर्थिक विषमता को कम करने के स्वप्न को साकार करने की ओर उन्मुख होने की आवश्यकता व्यक्त की। माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. शैलेन्द्र कुमार ने छात्रों को बताया कि पंडित दीनदयाल के सुझाए मार्ग पर चलकर देश आत्मनिर्भर बन सकता है। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नगर प्रचारक दिव्यांश ने समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े वंचित व्यक्ति के उत्थान, जिसे अंत्योदय कहते हैं, का जिक्र करते हुए छात्र-छात्राओं से माँ भारती की सेवा के लिए मनोयोग से तत्पर रहने का आह्वान किया। कार्यक्रम में डॉ0 सरिता सिंह, डा. अल्का श्रीवास्तव, शोध छात्र विशाल त्रिपाठी, रामलखन सिंह व रविशंकर ने दीनदयाल के एकात्म मानव दर्शन से छात्र-छात्राओं को परिचित कराते हुए उनके वसुधैव कुटुंबकम के विचार को वर्तमान में प्रासंगिक बताया। कार्यक्रम का शुभारम्भ पंडित दीनदयालजी के चित्र पर अतिथियों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित करके किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 सरिता सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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