जलालपुर, अंबेडकर नगर। सत्ता का स्वाद चखने के लिए हमेशा स्वामी प्रसाद मौर्या पाला बदलते है, तथा सभी धर्मों के अनुयायियों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। उक्त उद्गार सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने जलालपुर क्षेत्र के मीरापुर गांव में महाराजा सुहेलदेव की मूर्ति स्थापना शिलान्यास कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर तंज कसते हुए कहा कि बसपा सरकार की सत्ता में चार बार मंत्री रहने के दौरान पिछड़े, दलितों का अपमान याद नहीं आया, जब बीएसपी की सत्ता जाती नजर आई तो पाला बदल कर राम के शरणागत हो गए और उसी रामायण पर माला फूल और अगरबत्ती चढ़ाकर अपनी बेटी को सांसद बना दिया। पांच साल तक यह बात उनको समझ में नहीं आई की इस चौपाई से पिछड़ी और दलितों का नुकसान हो रहा है अब चर्चा में बने रहने के लिए फिर नया दांव खेला है। उन्होंने आगे कहा कि कोई भी धर्म नफरत करना नहीं सिखाता है सबको परस्पर भाईचारे की सीख देता है ।यह नेता है जो राजनीति के तहत चर्चा में बने रहने के लिए कुछ ना कुछ लपेट दिया करते हैं।
लोकसभा चुनावों की तैयारी के बाबत प्रश्न पर सुभासपा अध्यक्ष ने भाजपा सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि संविधान के पहले पन्ने पर लिखे समता, स्वतंत्रता,बंधुत्व और न्याय कहाँ है?पिछड़ी और दलित जातियों के कितने दरोगा थानों पर पोस्ट हैं?उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का मानना है कि पहले तो जातिवार जनगणना हो, एक समान अनिवार्य शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाएं बिना भेदभाव सबको निःशुल्क मिलें। जो पाठ्यक्रम कान्वेंट में पढ़ाया जा रहा है वही पाठ्यक्रम सभी विद्यालयों में लागू हो। देश की आजादी के 75 साल पूरे हो गए लेकिन अभी हम पूरी तरह से आजादी का नाम नहीं ले पा रहे। सरकार बड़े उद्योगपतियों का लाखों करोड़ का कर्जा माफ कर सकती है यह कहते हुए कि वह डिफाल्टर है लेकिन गरीब किसानों का चंद हजार रुपए का कर्जा सरकार माफ नहीं कर रही। हम इन्हीं मुद्दों को लेकर चुनावी मैदान में हैं यह लड़ाई जो लड़ने को तैयार हो वह ओमप्रकाश राजभर के साथ हो। गठबंधन करने या न करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम तो समाज में सबको गुलामी का एहसास दिलाने के लिए मैदान में हैं हम उन्हें यह बता रहे हैं कि कल तक आप अंग्रेजों के गुलाम थे अब नेताओं के गुलाम बने हुए हैं आप अपने हक की आवाज बुलंद करिए संविधान आपको यह अधिकार देता है आपके ही वोट से देश और प्रदेश से सरकार बनती है और इसी वोट को लेने के लिए सभी नेता अपना ड्रामा करते हैं। प्रदेश की आबादी के लगभग 38 प्रतिशत तबके तक अभी तक आजादी की किरण नहीं पहुंची है। ऐसे ही सबके के हक और हकूक के संघर्ष के लिए सुभासपा मैदान में है। सुरविंद ,दूधनाथ ,बलिराम समेत तमाम लोग मौजूद रहे।