Saturday, November 23, 2024
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विश्वविद्यालय अपने परिक्षेत्र में किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए करेंगे प्रेरित : राज्यपाल

Ayodhya Samachar


  •  नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय का 24वां दीक्षान्त समारोह सम्पन्न


  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार बदलावों पर दिया जोर


अयोध्या । प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, अयोध्या का 24वां दीक्षान्त समारोह सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों और पदक विजेताओं के साथ-साथ उनके माता-पिता और गुरूजनों को भी बधाई दी। राज्यपाल जी ने कहा इनके योगदान से ही विद्यार्थी आज सफलता प्राप्त कर जीवन में आगामी भूमिका की ओर अग्रसर हो रहे हैं। राज्यपाल जी ने दीक्षान्त समारोह में सभी उपाधि प्राप्त कर्ताओं से अपेक्षा की कि वे अपने ज्ञान एवं कौशल का उपयोग प्राकृतिक संसाधनों के संवर्द्धन गुणवत्तापरक उत्पादन, कृषि में रोजगार सृजन करके भारत निर्माण के योगदान में करेंगे। उन्होंने कहा कि आवश्यकताएं एवं परिस्थितियाँ सदैव बदलती रहती हैं और नवीन चुनौतियाँ सामने आती रहती हैं। उन्होंने उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को आगामी जीवन में चुनौतियों का सामना करने, क्षेत्र व परिस्थिति के अनुरूप कार्य करने को प्रेरित किया। वर्तमान परिदृश्य में कृषि की बदलती आवश्यकताओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने शिक्षा पद्धति में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुसार बदलावों की आवश्यकता पर जोर दिया। भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि और पशुधन क्षेत्र को महत्वपूर्ण बताते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि युवाओं और पशुपालाकें के लिए इस क्षेत्र में आजीविका के बेहतर अवसर हैं और आत्मनिर्भर भारत का मार्ग भी प्रशस्त करते हैं। इसी क्रम में उन्होंने विश्वविद्यालय में पशु नस्ल सुधार की दिशा में हो रहे कार्यों तथा उससे प्रदेश के किसानों को लाभ, पूर्वांचल क्षेत्र में कृषि विकास में योगदान, विभिन्न फसलों की नई प्रजातियों का विकास, अनुपयोगी भूमि को खेती योग्य बनाने में योगदान की सराहना की। उन्होंने खेती को रसायनों का प्रयोग से निकालकर प्राकृतिक खेती को बढ़ाने की चर्चा करते हुए अपेक्षा की कि विश्वविद्यालय अपने परिक्षेत्र में किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने प्राकृतिक खेती को छोटे किसानों के लिए फयदेमंद बताते हुए इसमें पराली का उपयोग किए जाने की चर्चा भी की।
राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय मे हुए शोधों का उपयेग किसानों तक पहुँचाने, किसानों को कृषि में ड्रोन तकनीक के उपयोग की जानकारी का प्रसार करने, कम पानी में पर्याप्त सिंचाई की जानकारी देने, जल संरक्षण के प्रति जागरूक रहने जैसे विषयांं पर विशेष चर्चा की। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में केन्द्र सरकार द्वारा एक बड़ी पहल करते हुए देश के सिंचित क्षेत्र बढ़ाने के लिए ‘‘पर ड्राप मोर क्राप‘‘ योजना लागू की गई थी। जल संरक्षण और जल संसाधन प्रबन्धन को बढ़ाने के लिए जलशक्ति अभियान, जल निकायों का नवीनीकरण सहित जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के कार्यों पर ध्यान दिया गया। उन्होंने कहा कि भू-जल का गिरता स्तर भविष्य के जल संकट का संकेत है। इसलिए ‘जलभरो‘ कार्यक्रम का आयोजन कर जागरूकता लाई जा सकती है। अपने सम्बोधन में राज्यपाल जी ने देश में मोटे अनाज के घटते उत्पादन और प्रयोग पर भी चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने कम पानी मे आसानी से हो जाने वाली इनकी विविध फसलों का जिक्र करते हुए इसके व्यंजनों और स्वास्थय के लिए इनके लाभकारी होने के कारण, विश्व में बढ़ रही इनकी मांग की ओर भी ध्यानाकर्षित कराया। उन्होंने कृषि सम्बन्धी रोजगारों में महिलाओं का बड़ा जुड़ाव, ग्रामीण महिला सशक्तिकरण, महिला स्वावलम्बन पर भी विशेष चर्चा की।
समारोह में राज्यपाल ने प्राथमिक विद्यालय से आए छात्र-छात्राओं को पठ्न-पाठ्न की सामग्री, विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए आंगनबाड़ी केन्द्रों हेतु आंगनबाड़ी किट्स का वितरण तथा क्षेत्र के प्रगतिशील कृषकों को सम्मानित किया। विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 विजेन्द्र सिंह ने विश्वविद्यालय की प्रगति अख्या पढ़ी। दीक्षान्त समारोह के मुख्य अतिथि कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, सूर्य प्रताप शाही ने अपने सम्बोधन में विद्यार्थियों से प्रदेश में कृषि क्षेत्र को प्रदान की जा रही सुविधाओं, कृषि में बदलते परिवेश, नवीनताओं, तकनीक विकास के लाभों पर चर्चा की। उन्होंने सभी उपाधि प्राप्तकर्ताओं को आगामी जीवन में सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। दीक्षांत समारोह में कुल 545 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। जिसमें 293 स्नातक, 180 परास्नातक, तथा 72 पी0एच0डी0 की उपाधियाँ प्रदान की गई। मेधावी और अतिरिक्त योग्यता वाले 25 विद्यार्थियों को पदक देकर सम्मानित किया गया, जिसमें 06 कुलाधिपति स्वर्ण पदक, 12 कुलपति स्वर्ण पदक, 07 विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। 15 पदक छात्रों ने तथा 10 पदक छात्राओं ने प्राप्त किए। राज्यपाल ने सभी पदक विजेताओं का उत्साहवर्द्धन किया।

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