अयोध्या । जनपद न्यायालय अयोध्या में शनिवार को आयोजित वृहद राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ जनपद न्यायाधीश रणंजय कुमार वर्मा ने दीप प्रज्ज्वलन व मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में न्यायिक अधिकारी मौजूद रहे।
अपने संबोधन में न्यायाधीश वर्मा ने कहा कि लोक अदालतों का उद्देश्य जनकल्याण है, जहां आपसी सुलह-समझौते के जरिए त्वरित व न्यायपूर्ण समाधान मिलता है। उन्होंने कहा कि समाज में प्रेम, समरसता और संवाद के ज़रिए विवादों को सुलझाना ही सच्चा न्याय है।
अदालत सचिव अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि आयोजन में वादकारियों की सुविधा के लिए बैठने, पानी व अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गईं। लोक अदालत में 62,308 वादों का निस्तारण किया गया, जिनमें 137.07 करोड़ रुपये की सुलह राशि तय हुई।
प्रत्युश आनंद मिश्रा (वर्चुअल कोर्ट) ने 16,000 वादों का निपटारा किया, जबकि मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण में 68 वादों के जरिए 5.44 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति तय की गई। बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े 923 प्री-लिटिगेशन मामलों में 5.28 करोड़ रुपये का सेटलमेंट हुआ।
मजिस्ट्रेट न्यायालयों में 16,749, पारिवारिक विवादों में 55, और राजस्व न्यायालयों में 28,370 वाद निस्तारित किए गए। लोक अदालत अयोध्या में न्यायिक समाधान की दिशा में एक प्रभावी कदम सिद्ध हुई।