◆ मरीजों के लिए आभा व चिकित्सको के लिए एचपीआर आईडी जा रही है बनायी
◆ लक्ष्य के 69 प्रतिशत मरीज व 78 प्रतिशत चिकित्सकों बन गयी है आईडी
अयोध्या। सरकारी अस्पताल में पेपरलेस व डिजिटल व्यवस्थाएं लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें अभी शुरुआती चरण में मरीजों की आभा आईडी जेनरेट की जा रही है। आभा आईडी में मरीज का पूरा चिकित्सीय इतिहास डिजिटल फार्मेट में मौजूद रहेगा। इससे मरीज को लम्बी फाइल ढोने से निजात मिल जाएगी। चिकित्सको के लिए एचपीआर आई डी जेनरेट की जा रही है। इस आईडी की सहायता से चिकित्सक आभा आईडी में मौजूद मरीज के चिकित्सीय इतिहास को देख सकेगा। जिससे उसे इलाज करने में आसानी होगी।
अभी तक जिले में लक्ष्य के सापेक्ष 69 प्रतिशत मरीजों की आभा आई डी जेनरेट की जा चुकी है। वही 78 प्रतिशत चिकित्सको ने अपनी एचपीआर आईडी जेनरेट कर ली है। स्वास्थ्य विभाग ने आभा आईडी जेनरेट करने के लिए विभागीय टीम उतारी है। अस्पतालों में ज्यादा से ज्यादा मरीजों की आभा आईडी जेनरेट करने का निदेश दिया गया है। जिला अस्पताल के पंजीकरण काउंटर पर आने वाले मरीजों की आभा आई डी जेनरेट की जा रही है। इसके साथ क्यूआर कोड व एप की सहायता से मरीजों को आभा आईडी जेनरेट करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
जिला अस्पताल में रोजाना जेनरेट होती है 75 से 80 मरीजों की आभा आईडी
जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. एके सिन्हा ने बताया कि जिला अस्पताल के पर्चा काउंटर पर पंजीकरण के आने वाले ज्यादा से ज्यादा मरीजों की आभा आईडी जेनरेट करने का निर्देश दिया गया है। जब भीड़ कम होती है तो आभा आईडी जेनरेट की जा रही है। रोजाना 75 से 80 मरीजों की आभा आईडी जेनरेट की जाती है। मरीजों को इसके लिए जागरुक किया जा रहा है। चिकित्सको को हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्टेशन खुद करना पड़ता है। आभा आईडी व एचपीआर से अस्पताल पेपरलेस व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है।