अयोध्या। विश्व निद्रा-मनो जागरूकता सप्ताह पर कैंट कम्युनिटी-अवेयरनेस गोष्ठी में डा आलोक मनदर्शन ने बताया कि पर्याप्त नींद के लिए मस्तिष्क में पर्याप्त मेलाटोनिन मनोरसायन का होना आवश्यक है। परन्तु इंटरनेट स्क्रीन एक्सपोजर या अन्य मनोकारको के कारण देर तक जागने से तनाव बढ़ाने वाले मनोरसायन कार्टिसॉल बढ़ जाने से नींद तो दुष्प्रभावित होती है तथा उत्साह व फ्रेशनेस वाले मनोरसायन सेराटोनिन कम हो जाता है जिससे सुबह चुस्त दुरूस्त न होकर निष्तेज व थकी-मादी होती है ।
