जलालपुर अंबेडकर नगर। दो नाबालिग बहनों के अनाथ होने पर आखिरकार प्रशासन संरक्षक बनकर सराहनीय कार्य किया है। जिसकी चारों तरफ चर्चा हो रही है । प्रकरण मालीपुर थाना क्षेत्र के धवरुआ बाजार की है । जहां कि दो नाबालिक बच्चियों करिश्मा और तान्या की माता-पिता का कुछ माह पूर्व निधन हो गया। ऐसे में यह दोनों बच्चियां अपने को अनाथ और असहाय समझ कर व्याकुल रहने लगी, लेकिन चाचा ने इनका पालन पोषण करने का वीणा उठाया लेकिन यह बच्चियों अपने चाचा के साथ न रहकर अनाथालय में रहने का मन बनाया। इस मामले को कुछ दिन पूर्व मीडिया में प्रकाशित होने के बाद प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लेते हुए उनकी शिक्षा दीक्षा और रहन-सहन का बीड़ा उठाया। जिलाधिकारी अविनाश सिंह द्वारा मामले को संज्ञान में लेते हुए जलालपुर उप जिलाधिकारी पवन कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भोले प्रताप सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी जलालपुर मीनाक्षी सिंह द्वारा बच्चियों के गांव पहुंचकर अभिभावक राजकुमार से संपर्क कर पूरी जानकारी ली गई और इन दोनों बच्चियों को उनके चाचा और चाची के साथ फतेहपुर मोहिबपुर कस्तूरबा गांधी विद्यालय में ले जाया गया। जहां पर वार्डन ममता वर्मा एवं रुचि वर्मा के मौजूदगी में तान्या का कक्षा 6 में और करिश्मा का कक्षा 7 में दाखिला कराया गया। इस विद्यालय में बच्चियों को पढ़ाई लिखाई के साथ आवासीय सुविधा भी उपलब्ध होगी। जहां इन्हें किसी प्रकार से कोई समस्या नहीं होगी । जिला अधिकारी ने बड़ा होने पर इन दोनों बच्चियों की शादी का जिम्मा भी लिया है। कस्तूरबा में नामांकन की समय बच्चियों के अभिभावक के रूप में उनके चाचा चाचा वा उप जिला अधिकारी जलालपुर ,खंड शिक्षा अधिकारी समेत विद्यालय के समस्त अध्यापक गण मौजूद रहे। इन अनाथ बच्चों का प्रशासन द्वारा पूरा भार उठाए जाने से पूरे क्षेत्र में एक चर्चा का विषय बन गया है और प्रशासन की खूब सराहना हो रही है।