Friday, September 20, 2024
HomeAyodhya/Ambedkar Nagarअयोध्याअवध विवि में आयोजित हुई ''राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 चुनौती और अवसर''...

अवध विवि में आयोजित हुई ”राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 चुनौती और अवसर” विषय पर संगोष्ठी


अयोध्या। अवध विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंध एवं उद्यमिता विभाग में 29 वें दीक्षांत के उपलक्ष्य में ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020ः चुनौती और अवसर‘‘ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद के डीन एकेडमिक अफेयर के प्रोफेसर एस. के. सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की विशेषताओं और इसके माध्यम से भारत के 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान का अर्जन नहीं है, बल्कि यह मनुष्य के संपूर्ण विकास और सामाजिक संरचना को सुधारने का एक सशक्त माध्यम है। भारत के विकास में शिक्षा की प्रमुख भूमिका है और इसके बिना आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रगति असंभव है। भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने बताया कि पारंपरिक शिक्षा प्रणाली कौशल विकास और व्यावहारिक ज्ञान पर आधारित नहीं थी, जिससे छात्रों को रोजगार और विकास के अवसरों में पीछे रहना पड़ा। इसके अलावा, भारत की सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों ने भी विकास को धीमा किया है।

संगोष्ठी में प्रो. सिन्हा ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को भारत के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। कहा कि यह नीति शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि इस नीति के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में देने पर जोर दिया गया है, जिससे छात्रों में बेहतर समझ विकसित होगी और वे अपनी जड़ों से जुड़े रहेंगे। इस नीति के माध्यम से छात्रों को मुख्य विषयों के साथ-साथ अतिरिक्त कौशल विकास के अवसर प्रदान किए जाएंगे। इससे वे अपनी इच्छाओं और आवश्यकताओं के अनुसार कौशल विकसित कर सकेंगे, जो उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करेगा।

     कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संकायाध्यक्ष प्रो. हिमांशु शेखर सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में छात्रों के लिए पाठ्यक्रम में एग्जिट और एंट्री की स्वतंत्रता दी गई है। इससे छात्र अपनी रुचियों के अनुसार किसी भी समय अध्ययन के क्षेत्र में परिवर्तन कर सकेंगे और एक व्यापक शिक्षा प्रणाली का लाभ उठा सकेंगे। इस नीति में छात्रों को अपनी इच्छानुसार विभिन्न विषयों को चुनने की स्वतंत्रता दी गई है, जिससे वे बहु-विषयक शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे और अपनी क्षमताओं को अधिकतम उपयोग कर सकेंगे। संगोष्ठी में प्रो. सिंह एवं प्रो. शैलेन्द्र वर्मा ने अतिथि को रामनामी एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन प्रशासनिक अधिकारी डॉ. श्रीष अस्थाना एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो. शैलेन्द्र कुमार वर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ. आशुतोष पाण्डेय, डॉ. रामजीत सिंह यादव, डॉ. विवेक उपाध्याय, डॉ. राकेश कुमार, डॉ. अनुराग तिवारी, डॉ. प्रवीन राय, डॉ. महेन्द्रपाल सिंह, सूरज सिंह सहित समस्त शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

Ayodhya Samachar

Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments